featured दुनिया

कुलभूषण मामले में पाक की दलीलों के बाद फैसले का इंतजार

hh 2 e1494904648793 कुलभूषण मामले में पाक की दलीलों के बाद फैसले का इंतजार

नई दिल्ली। पाकिस्तान में कोई नई बात नहीं है जब किसी भारतीय को जेल भेजकर उसे फांसी की सजा सुनाई गई हो। या उन्हे भारतीय जासूस करार देकर उनके साथ बूरा व्यवहार न किया गया हो। लेकिन ये पहला ऐसा मामला है जिसमें भारतीय सरकार एक नागरिक के बचाव में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय तक पहुंच गई है और उसे बचाने की हर संभव कोशिश कर रही है। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत द्वारा फांसी की सजा सुनाने का मामला उठाया।

hh 2 e1494904648793 कुलभूषण मामले में पाक की दलीलों के बाद फैसले का इंतजार

बता दें कि वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने अपनी दलीलों से पाकिस्तान की करतूतों को बेनकाब कर दिया। इसके जवाब में पाकिस्तान ने लचर दलील पेश कर सफाई देने की कोशिश की। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट ने कहा कि वह जल्द-से-जल्द अपना फैसला सुना देगा। इससे पहले भारत ने कहा कि अदालत का फैसला आने से पहले ही इस्लामाबाद जाधव को फांसी पर लटका सकता है। इसलिए उनके मृत्युदंड पर तत्काल रोक लगाई जाए।

वहीं बहस की शुरुआत करते हुए विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव दीपक मित्तल ने जाधव पर लगे आरोपों को मनगढ़ंत और सैन्य अदालत की ट्रायल को हास्यास्पद करार दिया। दोनों पक्षों को दलील देने के लिए डेढ़ घंटे का समय दिया गया था। पाकिस्तानी दलीलों के जवाब में हरीश साल्वे ने कहा कि एक तरफ वह जाधव को भारतीय जासूस बता रहा है। वह कह रहा है कि उसे भारत में प्रशिक्षित किया गया। और दूसरी तरफ उसके वकील ने कहा कि भारत जाधव को अपना नागरिक साबित नहीं कर सका।

हरीश साल्वे की दलील–स्थिति बहुत गंभीर है। कुलभूषण जाधव को मार्च में कथित तौर पर गिरफ्तार किया गया और अप्रैल में उनको सजा सुना दी गई। इससे जाधव को कानूनी मदद नहीं मिल सकी। पाकिस्तान ने जाधव पर लगाए गए आरोपों के सिलसिले में सुबूत देने से मना कर दिया। जाधव पर आरोपपत्र की कॉपी भी पाक ने नहीं दी।

भारत अपने इस रुख पर कायम है कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया और सैन्य हिरासत में उनसे इकबालिया बयान लिया गया। मानवाधिकार और अंतरराष्ट्रीय कानून के लिहाज से दूतावास की पहुंच अहम है। जाधव मामले में वियना समझौते का उल्लंघन हुआ है। जाधव के माता-पिता को वीजा नहीं दिया गया। उन तक पहुंच न होने से यह भी नहीं मालूम कि क्षमादान के लिए आवेदन कहां दिया जाएगा। भारत जाधव पर लगाए गए सभी आरोपों को खारिज करता है। हम अंतरराष्ट्रीय अदालत से तत्काल दखल की अपील करते हैं, ताकि उनको कोई नुकसान न हो।

पाक को नहीं दिखाया गया वीडियो

अंतरराष्ट्रीय अदालत ने पाकिस्तान को कुलभूषण जाधव के इकबालिया बयान का वीडियो दिखाने से रोक दिया। सुनवाई के दौरान पाकिस्तानी पक्ष वह वीडियो दिखाना चाहता था, जिसमें कथित तौर पर जाधव ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। लेकिन, इसकी इजाजत उसे नहीं मिली। हरीश साल्वे ने इसे पाकिस्तान के लिए झटका करार दिया है। इस मुद्दे पर अपने बचाव में पाकिस्तान ने कहा कि जासूसी और आतंकवाद के मामले में वियना समझौता लागू नहीं होता है। इसलिए यह मामला अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। पाकिस्तान ने कहा कि जाधव मामले में भारत का आवेदन अनावश्यक और गलत है। विदेश मंत्रालय के अधिकारी मुहम्मद फैसल ने कहा कि भारत मुस्लिम नाम से बने जाधव के पासपोर्ट पर स्पष्टीकरण देने में नाकाम रहा।

Related posts

यूपी में आज थमेगा पांचवें चरण का चुनाव प्रचार..ये दिग्गज भरेंगे हुंकार

shipra saxena

ताजमहल का करना है दीदार तो कोरोना टेस्‍ट करवाना जरूरी, आदेश जारी

Rahul

HARYANA CRIME : DSP का मर्डर, अवैध खनन माफिया ने सुरेंद्र सिंह पर चढ़ाया ट्रक,  मौके पर हुई मौत

Rahul