नई दिल्ली। अफ्रीकी देश जिबूती की यात्रा पर गए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जिबूती के राष्ट्रपति उमर ग्वेलेह से मुलाकात की। राष्ट्रपति ने कई आंतरिक मुद्दों को लेकर ग्वेलेह से बातचीत की और एक समझौते पर हस्ताक्षर भी किए। इसी के साथ दोनों देशों ने आतंकवाद के खिलाफ साथ लड़ने का निर्णय भी लिया।
जिबूती के राष्ट्रपति ने ‘हॉर्न ऑफ अफ्रीका’ में शांति बनाए रखने के लिए भारत की भूमिका की तारीफ करते हुए उसे स्वीकार किया। दोनों देशों के राष्ट्र अध्यक्षों ने साझा बयान जारी करते हुए आपसी हितों वाले क्षेत्रों में क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर सहयोग देने की बात कही। दोनों नेताओं ने आतंकवाद और विश्व में शांति स्थापित करने के लिए भी एक दूसरे का सहयोग करने की बात कही।
आतंकवादी हमलों से आए दिन दो-चार होते अंतरराष्ट्रीय समुदाय को देखते हुए दोनों नेताओं ने कहा कि आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए हर देश को आगे आना होगा और एक साथ इंसानियत के इस दुश्मन से लड़ना होगा। इसके अलावा दोनों नेताओं ने आतंकवाद के मुद्दे को लेकर संयुक्त राष्ट्र के विचारों में फेरबदल करने की भी मांग की।
गौरतलब है कि इस समय दोनों ही देश जलवायु परिवर्तन से निपटने और विश्व में शांति बनाए रखने की मांग का समर्थन संयुक्त राष्ट्र में कर चुके हैं। दुनिया में शांति स्थापित करने की दोनों देशों की एक जैसी सोच ने भारत और जिबूती में दोस्ती की एक नई बयार लिख दी है। वहीं जिबूती के राष्ट्रपति ग्वेलेह ने जिबूती के आर्थिक क्षेत्र को मजबूत करने के लिए भारत से सहयोग देने की मांग की।
कोविंद ने ग्वेलेह को कहा शुक्रिया
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने साल 2015 में यमन में शुरू हुए संघर्ष के बाद वहां से भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए चलाए गए ऑपरेशन राहत की तारीफ करते हुए ग्वेलेह को शुक्रिय कहा। इसके अलावा राष्ट्रपति ने समुद्री और अक्षय उर्जा के क्षेत्र में सहयोग करने को लेकर चर्चा की। बता दें कि दोनों राष्ट्र अध्यक्षों की मुलाकात से पहले राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का जोरदार स्वागत किया गया। बताते चलें कि राष्ट्रपति अफ्रीकी देश जिबूती की यात्रा करने वाले पहले भारतीय नेता हैं।