चंडीगढ़। पंजाब में सरकार का चेहरा भले ही बदल गया है,लेकिन नाजायज कब्जे खाली करवाने को लेकर सरकार ने अपने ही पूर्व विधायक और अधिकारियों को सरकारी फ्लैटों को खाली करने को कहा है। इसी कड़ी में कांग्रेस नेता और पंजाब की पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्ठल को भी कब्जा की हुई अपनी सरकारी कोठी को खाली करना होगा। PWD ने कोठी खाली करने के लिए नोटिस भिजवा दिया है। इसके साथ ही उन्हें किराए के तौर पर 32 लाख रुपये भी चुकाने होंगे। विभाग उनसे मार्केट रेट के हिसाब से किराया वसुलेगा। बिनी किसी सरकारी मंजूरी के सेक्टर दो की सरकारी कोठी में पिछले 11 महीने से रह रही राजिंदर का मामला सरकार के गले की हड्डी बनता जा रहा है।
लोक निर्माण विभाग के मुताबिक भट्ठल को किराया देना होगा। जानकारी के मुताबिक मार्केट रेट से किराया वसूलने का नोटिस जारी होने के साथ ही भट्ठल ने एक बार फिर सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए कोठी में उन्हें रहने देने का आवेदन दिया है। ये अावेदन मुख्यमंत्री कार्यालय में पेंंडिंग है। वहीं अब सरकार की परेशानी ये है कि वे पहले ही 84 लाख रुपये भट्ठल का माफ कर चुकी है। ऐसे में अगर 33 लाख रुपये पुन: माफ करने और कोठी को अलाट करने का फैसला कैबिनेट में लाया जाता है तो सरकार की परेशानी बढ़ सकती है।
प्रदेश की खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए सरकार पहले ही विपक्ष के निशाने पर है। सरकार ने जब 84 लाख रुपये भट्ठल को वापस करने का फैसला किया था तब भी विपक्ष ने सरकार को आड़ेहाथ लिया था। यही कारण है कि भट्ठल के निवेदन पर सरकार कोई फैसला नहीं ले पा रही है। उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव से पहले भट्ठल ने 84 लाख रुपये जमा करवाए थे जिसे कैप्टन सरकार ने कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर माफ कर दिया था। सरकार की परेशानी ये भी है कि वर्तमान में भट्ठल विधायक भी नहीं हैं और कानून में पूर्व मुख्यमंत्री को कोठी देने का कोई प्रावधान भी नहीं है।