नई दिल्ली। उत्तर कोरिया अमेरिका के दबाव के बाद भी बाज़ आने का नाम नहीं ले रहा है। अमेरिका के दबीव के बाद भी कोरिया के तानाशाह किम जोंग के तीखे तेवर बरकारार है। जो बदल नहीं रही है। उत्तर कोरिया का ये तीसरे हफ्ते में तीसरा मिसाइल परीक्षण है। उत्तर कोरिया अमेरिकी युद्धपोत पर हमले की धमकी भी दे चुका है। उत्तर कोरिया इस एक साल में 9 मिसाइल परीक्षण कर चुका है। अब जो हालिया मिसाइल परीक्षण किया, वो एक कम दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल है जो जापान सागर में जाकर गिरी है। अमेरिकी सैन्य मॉनिटर्स ने बताया कि जापान सागर में गिरने से पहले ये मिसाइल उत्तर कोरिया के समुद्री तट से 450 किमी. हवा में रही।
बता दें कि जापानी सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि यह मिसाइल परीक्षण नौवहन और हवाई यातायात की सुरक्षा के लिहाज से बेहद चिंताजनक है और यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के खिलाफ है। जापान ने उत्तर कोरिया के उकसावे की कार्रवाई को बर्दाश्त न करने की चेतावनी दी है। हालांकि इसे मिसाइल परीक्षण के चलते किसी तरह के नुकसान की बात अभी तक सामने नहीं आई है। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे जी-7 शिखर सम्मेलन में उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को लेकर चिंता भी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि उत्तर कोरिया को उकसावे वाली कार्रवाई से रोकने के लिए जापान दूसरे देशों के साथ मिलकर कोशिश करेगा और उत्तर कोरिया को सबक सिखाएगा।
साथ ही विदेश मामलों के जानकार रहीस सिंह का कहना है कि चीन का झुकाव उत्तर कोरिया की ओर नजर आ रहा है। अगर तनाव और ज्यादा बढ़ता है, तो अमेरिका और चीन आमने-सामने हो जाएंगे और इसकी सीधी आंच बाकी एशियाई देशों पर आएगी। जापान, ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड, वियतनाम और रूस के सीधे तौर पर युद्ध में शामिल होने का खतरा पैदा हो जाएगा। इस युद्ध में भारत सीधे-सीधे शामिल नहीं होता है, तो भी उसके द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंधों पर असर पड़ेगा।