कोलकाता। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी निवेश की तलाश में मुंबई पहुंची। जहां उनकी और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मुलाकात को लेकर राजनीति अटकलें तेज हो गई हैं। बीते गुरूवार को उद्धव ठाकरे ने मुंबई के एक हॉटल में ठहरी ममता बनर्जी से मुलाकात की दोनो नेताओं के बीच कुछ देर तक बैठक हुई। इस बैठक में उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे भी मौजूद थे। उद्धव ठाकरे के साथ बैठक करने के बाद ममता बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि शिवसेना एक अलग पार्टी है। उसकी अपनी अलग नीति है।
बता दें कि राजग में रहकर भी इधर केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के विरुद्ध उद्धव ठाकरे ने भी मुंह खोला है। केंद्र जिस तरह जनविरोधी नीतियां लागू कर रहा है। उसमें उद्धव का विरोध सही है। एक सवाल के जवाब में ममता ने कहा कि वह गुजरात में चुनाव नहीं लड़ेंगी लेकिन जो भाजपा के विरुद्ध वहां लड़ रहे हैं उनका वह समर्थन करेंगी। वह गुजरात में बीजेपी को वोट नहीं देने की अपील करेंगी। उद्धव ठाकरे ने भी ममता बनर्जी की प्रशंसा की और उन्हें लड़ाकू नेत्री बताया।
वहीं उल्लेखनीय है कि शिवसेना और ममता की तृणमूल कांग्रेस दोनों की नोटबंदी समेत कई ज्वलंत मुद्दों पर बीजेपी और केन्द्र की मोदी सरकार के साथ अनबन रही है। बीते मंगलवार से मुंबई में मौजूद बनर्जी के शुक्रवार को कोलकाता लौटने की उम्मीद है। बनर्जी ने जनवरी में कोलकाता में आयोजित होने वाले ‘बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट’ के चौथे संस्करण के मद्देनजर बुधवार को यहां शीर्ष उद्योगपतियों और बैंकरों से मुलाकात की थी।
साथ ही नोटबंदी के मुद्दे को लेकर बीजेपी को घेरने के प्रयास में शिवसेना भी तृणमूल कांग्रेस के साथ आ गयी थी। उद्धव ने पिछले वर्ष नवम्बर में पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि यदि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शरद पवार (एनसीपी प्रमुख) के साथ बैठक करने में कुछ गलत नहीं है तो शिवसेना यदि एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर बनर्जी के साथ बात करती है तो उसमें भी कुछ गलत नहीं होना चाहिए।