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जाने क्यों पढ़ रही 118 साल बाद इतनी ठंड, वैज्ञानिको ने बताई सच्चाई

शीतलहर जाने क्यों पढ़ रही 118 साल बाद इतनी ठंड, वैज्ञानिको ने बताई सच्चाई

नई दिल्ली। शनिवार को कड़ाके की सर्दी और शीतलहर ने 119 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 1901 के बाद यह दूसरी बार है जब दिसंबर में ज्यादा सर्दी पड़ रही है। ऐसे में दिल्ली का पारा लगातार गिरता दिखाई दे रहा है। दिल्ली में शनिवार को न्यूनतम तापमान 1.7 डिग्री पर पहुंच गया है। शनिवार को सुबह 8.30 बजे दिल्ली के सफदरजंग एन्क्लेव में 2.4 डिग्री, पालम में 3.1 डिग्री, लोधी रोड में 1.7 डिग्री और आया नगर में 1.9 डिग्री दर्ज किया गया है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि आखिर क्या होता है सर्दी के मापने का पैमाना।

 बता दें कि हर साल दिसंबर माह के अंत में और जनवरी माह के शुरुआत में कड़ाके की सर्दी पड़ती है। आमतौर पर दिसंबर में 16 से 18 डिग्री सेल्सियस से नीचे तापमान नहीं गिरता है। पर इस बार हाल कुछ अलग हैं। बीते शुक्रवार की रात इस मौसम की सबसे ज्यादा ठंडी रात रही। अधिकतम तापमान सामान्य से 6 डिग्री कम 14.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो दिन के तापमान में भी कोई बड़ा उलटफेर नहीं होगा। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार दिल्ली में शनिवार सुबह 06:10 बजे तापमान 2.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। 

इससे पहले शुक्रवार दिन में दिल्ली में न्यूनतम तापमान 4.2 दर्ज किया गया है। दिसंबर में यह दूसरा दिन है, जब न्यूनतम तापमान पांच डिग्री से कम दर्ज किया गया है। विभाग के मुताबिक सुबह के वक्त मध्यम से घना कोहरा और पाला जारी रहेगा। मौसम वैज्ञानिकों ने आगामी तीन-चार दिनों में भीषण शीतलहर और सर्दी की आशंका जताई है। हालांकि नववर्ष के बाद से शीतलहर में कमी आनी शुरू हो जाएगी। जनवरी से मैदानों में मौसम पूरी तरह से साफ और अच्छी धूप निकलेगी, लेकिन तब तक सर्दी के सितम से राहत की कोई उम्मीद नहीं है।क्लाईमेट चेंज होने के कारण सर्दी पड़ रही है। क्लाईमेट चेंज, ज्यादा गर्मी पड़ने का भी यही कारण है। भविष्य में इसी के कारण बाढ़ और सुखाड़ जैसी गंभीर समस्याएं भी सामने आ सकती हैं। इसी के कारण पूरी दुनिया एक असामान्य परिस्थितियों का सामना कर रही है। 

यही कारण था कि इस वर्ष अगस्त और सितंबर माह में बारिश हुई, जो असामान्य थी। इस बारिश ने वैज्ञानिकों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया। वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण अब मौसम का अनुमान लगाना थोड़ा मुश्किल हो गया है। मौसम विभाग ने ठंड और कड़ाके की ठंड को मापने के लिए एक पैमाना तैयार कर रखा है। जिसे उन्होंने ठंड, ज्यादा ठंड और कड़ाके की ठंड में बांट रखा है। अगर दिन में सामान्य तापमान अधिकतम तापमान करीब 4.5 डिग्री सेल्सियस तक नीचे रहता है, तो उसे ठंड कहते हैं। सामान्य तापमान से करीब 6.5-7.0 डिग्री सेल्सियस से नीचे तक रहता है तो बहुत ठंड पड़ना कहते हैं। अगर तापमान करीब 7 से 12 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला जाता है तो इसे कड़ाके की ठंड कहते हैं।

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