- धार्मिक डेस्क || भारत खबर
2 सितंबर से 17 सितंबर तक श्राद्ध पक्ष चल रहा है और श्राद्ध पक्ष में पितरों का तर्पण करने से पिंड दान करने से और श्रद्धा भाव से अपने पूर्वजों को शक्ति अनुसार तर्पण करने से अनेक पुण्य होता है।
श्राद्ध पक्ष से जुड़ी हुई कई सारी मान्यताएं हैं जिनको अगर विधि विधान पूर्वक किया जाए तो मनोवैज्ञानिक और धार्मिक लाभ अवश्य मिलते हैं। आज हम यहां आपको श्राद्ध पक्ष से जुड़े हुए उन धार्मिक मान्यताओं के बारे में बताने जा रहे हैं जिनको करने से आपके पितरों को तर्पण मिलता है और आपके घर में धन-धान्य की बहुलता होती है-
- श्राद्ध पक्ष में कौए का विशेष योगदान होता है। इस माह में कौवे को भोजन कराने से पितरों की आत्मा को संतुष्टि मिलती है और वह जी भर के आशीर्वाद देते हैं।
- कहते हैं कि कौवा किसी भी शुभ अथवा अशुभ संकेतों को सबसे पहले पहचान लेता है और आपके घर के ऊपर आकर बैठ कर कांव-कांव की आवाज करने लगता है। ग्रंथों के अनुसार को कौआ यम का प्रतीक है जो दिशाओं का फलित शुभ या अशुभ संकेत देता है इसलिए श्राद्ध का इसे एक अंग इसे भी दिया जाता है।
- श्राद्ध पक्ष में गोवंश को भोजन खिलाने से भी असीम पूर्ण मिलता है और कहा जाता है कि श्राद्ध में गाय को भोजन ग्रहण कराने से मनुष्य वैतरणी से पार हो जाता है।
- श्राद्ध पक्ष में काले कुत्ते को भोजन कराने से भी असीम कृपा बरसती है। कुत्ते को रोटी खिलाते समय बोलना चाहिए कि यमराज के मार्ग का अनुसरण करने वाले जो श्याम और शबल नाम के दो कुत्ते हैं मैं उनके लिए यह अन्न का भाग देता हूं वह इस भोजन को ग्रहण करें इसे कुकुर बली कहते हैं।