नई दिल्ली। इजरायल की एजेंसी द्वारा भारत में चिन्हित पत्रकारों और एक्टिविस्ट की जासूसी के मामले में विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रहा है। अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस मसले पर मोदी सरकार को निशाने पर लिया है। प्रियंका ने कहा है कि अगर ये सच है तो ये मानवाधिकार और राष्ट्रीय सुरक्षा का उल्लंघन है, सरकार को इसपर जवाब देना चाहिए।
बता दें कि प्रियंका गांधी वाड्रा की ओर से ट्वीट किया गया, ‘अगर भारतीय जनता पार्टी या सरकार इजरायली एजेंसियों के द्वारा भारतीय पत्रकारों, वकीलों, एक्टिविस्ट और नेताओं के फोन की जासूसी करने में शामिल है तो ये मानवाधिकार का उल्लंघन और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता है। केंद्र सरकार को इसपर जवाब देना चाहिए।
वहीं प्रियंका गांधी से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं ने भी सरकार को आड़े हाथों लिया है। हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से इसे सरकार को बदनाम करने की साजिश करार दिया गया है। राहुल ने अपने ट्वीट में लिखा था कि सरकार का इजरायली एजेंसी से व्हाट्सएप मुद्दे पर जवाब मांगना कुछ वैसा ही है कि दसॉल्ट से पूछना हो कि राफेल से किसे फायदा हुआ?
बता दें कि गुरुवार को इजरायली एजेंसी द्वारा कुछ पत्रकारों, वकीलों, एक्टिविस्ट की जासूसी की बात सामने आई थी। जिसके बाद राजनीति में घमासान मचा हुआ है। इस सबके बीच IT मंत्रालय ने व्हाट्सएप से इस मामले में 4 नवंबर तक जवाब मांगा है। व्हाट्सएप की ओर से भी इस बात की पुष्टि की गई थी कि इजरायली एजेंसी एनएसओ ग्रुप के द्वारा Pegasus नाम के स्पाईवेयर के जरिए पत्रकारों को निशाना बनाया गया था। इसके जरिए उनके फोन कॉल, मैसेज, ऑडियो, वीडियो की जासूसी की गई थी। व्हाट्सएप ने इजरायली कंपनी पर केस भी कर दिया है।