कहावत है कि हेल्थ इज वेल्थ, अच्छे स्वास्थ्य से बढ़कर कुछ नहीं है। अगर हम स्वस्थ हैं तो खुद के लिए और दूसरों के लिए कुछ कर सकते हैं।
योग पहले से अधिक प्रसांगिक
वर्तमान दौर में हम जिन परिस्थितियों से गुज़र रहे हैं, उसमें तन और मन को स्वस्थ रखने की अहमियत पहले से ज्यादा बढ़ गई है। जीवन की तमाम चिंताओं के बीच में योग पहले से अधिक प्रसांगिक हो गया है। घर पर पहले की तुलना में ज्यादा समय बिताने की मजबूरी के बीच में लोग योग के वर्चुअल सेशन को ज्वाइन करते हुए स्वस्थ जीवन की ओर बढ़ रहे हैं।
योग में एक जादू है
योग से विपरीत परिस्थिति में बेहतर करने की क्षमता उत्पन्न होती है। जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण बनाने में मदद मिलती है। कोरोना के दौर में काफी लोग स्ट्रैस और डिप्रेशन का सामना कर रहे हैं। हालांकि योग और ध्यान से इन दोनों चीजों को आसानी से साधा जा सकता है। योग में एक जादू है, यह एक ऐसा जरिया है जो आपके पूरे शरीर को एक नई ऊर्जा प्रदान करता है।
योग के जरिए खुद को समझें
कोरोना काल मे आज पूरी दुनिया को एक नई ऊर्जा की जरूरत है। ऐसे में योग और ध्यान के माध्यम से खुद के अंदर झांकने और खुद को समझने की जरूरत है। आप यहां पर सफल रहे तो अंदर से आप इतने मजबूत हो जाएंगे कि कोई भी बीमारी या वायरस आपको प्रभावित नहीं कर पाएगा।
योग से होगा सकारात्मक ऊर्जा का संचार
अभी की परिस्थिति ऊपर से हमें सख्त जरूर दिखती है लेकिन सच किसी से छिपा नहीं है। संघर्ष तनाव और अकेलेपन की एक गहरी लकीर खिंची चली जाती है। ऐसे दौर में जब हम योग के साथ यात्रा पर आगे बढ़ते हैं तो काफी कुछ सीख पाते हैं। जीने का अंदाज, सोचने का तरीका सब कुछ बदलने लगता है। हम अंदर से खुश रहने लगते हैं, हमारे अंदर एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो जाता है।
योग से गुस्से पर पाएंगे काबू
जीवन अनमोल है और यह जरूरी है कि अंतिम सांस तक जीवन को खूबसूरती देने की कोशिश की जानी चाहिए, और योग ऐसा जरिया बन सकता है। योग की खास बात ये है कि इसके जरिए आपके शरीर में लगातार नई कोशिकाएं बनती हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि साल भर से जो योग कर रहा है उसे काफी बदलाव महसूस होगा। पहले जैसे गुस्सा नहीं आएगा, व्यक्ति खुश रहेगा।
बच्चों की योग के प्रति रुचि जगाएं
वही बच्चों के योग पर बात करें तो बच्चों को घर में रहते हुए करीब 1 साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है। वो सिर्फ अपने पेरेंट्स और भाई-बहन के साथ ही आउटिंग कर रहे हैं। ऐसे में पेरेंट्स को उनकी मन की स्थिति को समझना चाहिए। बच्चों की दुनिया ऑनलाइन क्लास, होमवर्क, टेलीविजन और वीडियो गेम तक सीमित नहीं है। इससे हटकर अगर उनकी योग और ध्यान के प्रति रुचि जग जाए तो, ये उनके दिल और दिमाग के लिए बेहतर साबित होगा।
इन बातों का रखें विशेष ख्याल
योग कभी भी खाली पेट नहीं करना चाहिए। अगर आप योग करने की शुरुआत कर रहे हैं, तो शुरू के दिनों में ज्यादा योग करने से भी बचे। साथ ही योग से पहले सारे आसनों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी हासिल कर लें। हो सके तो ट्रेनर से एक बार बात भी करें। वहीं योग करते समय किसी की देखा देखी ना करें क्योंकि सभी का शरीर उसके अनुकूल ही काम करता है।