नई दिल्ली। दो दिन में देश ने दो महान वैज्ञानिक खो दिए सोमवार को आर्यभट्ट के जनक प्रोफेसर यूआर राव का निधन हो गया तो आज 90 वर्ष की उम्र में महान वैज्ञानिक यशपाल का निधन। पढ़ें यशपाल के बारे में कुछ जरुरी बातें।
प्रोफेसर यशपाल को 1973 में सरकार ने स्पेस एप्लीकेशन सेंटर का पहला डायरेक्टर नियुक्त किया था।
यशपाल उन लोगों में शामिल थे जिन्हें भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का जानकार कहा जाता था।
यशपाल को कौसमिक किरणों पर गहरे अध्ययन के लिए भी जाना जाता है।
प्रोफेसर यशपाल ने ही पहली बार बच्चों पर बस्ते के बढ़ते बोझ पर सरकार का ध्यान केन्द्रित किया।
1993 में बच्चों की शिक्षा में ओवरबर्डन के मुद्दे पर भारत सरकार ने यशपाल की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई जिसे यशपाल कमेटी का नाम दिया गया।
यशपाल कमेटी ने लर्निंग विथाउट बर्डन नाम की रिपोर्ट बनाई यह रिपोर्ट शिक्षा के क्षेत्र में बेहद लोकप्रिय हैँ।
प्रोफेसर यशपाल को भारत सरकार ने 1976 में पद्म भूषण और 2013 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया यशपाल दूरदर्शन पर टर्निंग प्वाइंट नाम के साइंटिफिक प्रोग्राम को होस्ट करते थे जो काफी लोकप्रिय था।