- भारत खबर || हाथरस
हाथरस गैंगरेप पीड़िता को लेकर मीडिया इस वक्त मुखर है और जमीनी स्तर पर रिपोर्टिंग कर उसने यह दिखा दिया कि अगर पत्रकारिता चाहें तो शासन प्रशासन या सरकार किसी भी कीमत पर बेनकाब हो सकती है।
एक चैनल पर डिबेट के दौरान भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा को उस वक्त लताड़ खानी पड़ गई जब वह हाथरस के अंग रेप पीड़िता के प्रकरण में जबरन दंगा भड़कने जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने लगे।
चैनलों पर इस वक्त विपक्षी दलों ने उत्तर प्रदेश के वर्तमान योगी आदित्यनाथ की सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है और उन्होंने इस पूरे मामले पर बीजेपी की योगी सरकार को फेल बताया है। हाथरस में हुई हैवानियत पर आज तक पर एक टेलीविजन डिबेट पर संबित पात्रा ने इस प्रकरण में कहा कि हाथरस में उस बेटी के साथ जो हुआ वो नहीं होना चाहिए था..ये बेहद तकलीफदेह है। हर मां-बाप चाहता है कि अंतिम संस्कार से पहले वह अपने बच्चे को एक बार देखे।
संबित पात्रा की ये बातें सुन शो के एंकर ने बीच में टोका औऱ बोला कि आप भूमिका बांधना बंद कीजिए और जवाब दें कि आधी रात में शव क्यों जलाया गया। संबित पात्रा ने बोला कि भूमिका बांधना जरूरी है। पुलिस ने शायद शव का अंतिम संस्कार इसलिए कर दिया कि कहीं दो समुदायों के बीच हिंसा ना भड़क जाए।
इस जवाब को सुनते ही टीवी चैनल के एंकर भड़क गए और उन्होंने संबित पात्रा को खरी खोटी सुनाते हुए कहा कि आपने पीड़ित बच्ची की मां बाप के बयान भी सुने होंगे आप अपने एडीजी के बयानों को सही क्यों ठहरा रहे हैं। आपको उत्तर प्रदेश सरकार पर भी कुछ बोलना चाहिए।
पीड़िता के पार्थिव शरीर को आधी रात को हिंसा भड़कने से बचने के लिए जलाने के तर्क पर संबित पात्रा पर टेलीविजन चैनल के एंकर भड़क गए और उन्होंने कहा कि अगर एक मां बाप अपने बच्चे का अंतिम संस्कार रीति-रिवाजों से करते या उसे देख लेते थोड़ी देर तो हिंसा भड़क जाती।
आपको बता दें कि हाथरस प्रकरण में आज मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया हितेश चंद्र अवस्थी पीड़िता के पिता और परिजनों से मिलने उनके घर पहुंचे थे।