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जानिए बुंदेलखंड की होली की परंपरा

holi 1 जानिए बुंदेलखंड की होली की परंपरा

नई दिल्ली। होली का त्योहार आने वाला है और इस वजह से हर जगह का माहौल काफी अच्छा है। सब जगह होली के रंग, गुजिया, मठ्ठी भी बिकना शुरु हो गई। साथ ही बच्चों की पिचकारी और भी नए-नए खिलौने बाजारों की रौनक को बढ़ा रहे हैं। बच्चों के लिए तो रंगों के इस त्योहार की शुरुआत भी हो गई है। लेकिन आज हम आपको बुंदेलखंड की होली के बारे में बताएगें।

holi जानिए बुंदेलखंड की होली की परंपरा

बुंदेलखंड की होली के अपने अलग ही रीति-रिवाज है। जो रंगो के साथ-साथ फाग गायन के साथ इस होली के रंगो को चार-चांद लगा देता है। रंगों में गीत का रस मिला देने से होली की लोक परंपरा में और भी निखार आ जाता है। वैसे तो रंगों का त्योहार होली देश में विभिन्न परम्पराओं और संस्कृतियों के मुताबिक मनाया जाता है, लेकिन बुंदेलखंड में होली उत्सव की बात ही अलग है।

यहां होली में केवल रंग ही नहीं बल्कि फूल, फाग, चौकडिय़ां इस उत्सव को और भी मजेदार बना देता है। साथ ही इस दिन बढ़े और बच्चे साथ में इस फाग गीत में हिस्सा लेते है जो यंहा कि होली को यादगार बना देता है।

होली पर सब लोग बुराइयों को भूल कर फाग और चौकडिय़ों का गायन कर एक दूसरे के गले मिलते हैं और इस त्योहार की खुशी को सबके साथ बांटते है। होली का त्योहार आते ही टेसू के फूल खिलने के बाद बुंदेलखंड की धरा में फाग गायन के सुर माहौल में उत्साह और उमंग घोल देते हैं। वैसे भी बुंदेलखंड में त्योहारों को बहुत ही श्रद्धा और आत्मीयता के साथ मनाया जाता है।

बुंदेलखंड की होली वहां के लोगों के लिए इतनी महत्वपूर्ण होती है कि वहां के लोग कुछ समय के लिए अपने कारोबार को छोड़ एक सप्ताह पहले से ही इस पर्व को मनाना शुरु कर देतें है। पहले गांव के बड़े बूढ़े और फिर नौजवानों के जुडऩे के बाद उमंग के इस पर्व में घर की महिलाएं और बच्चे भी शामिल हो जाते हैं। फाग गाना और चौकडिय़ां गाना यहां के छोटे और बड़ों के साथ-साथ महिलाओं के लिए भी काफी उत्साहपूर्ण होता है।

holi 1 जानिए बुंदेलखंड की होली की परंपरा

खुशी और उमंग के पर्व में लोग अपनी -अपनी टोली के साथ बैठते हैं, तो कोई टोली गांव में घूमकर इस त्योहार में खूब अबीर गुलाल उड़ाते हैं। यह त्योहार महिलाओं को भी उनके शर्म का परदा छोड़ इस पर्व को मनाने पर मजबूर कर देता है और महिलाए फाग गायन और ढोलक की थाप पर थिरकती नजर आती है।

बुंदेलखंड की इस होली ने हमारी वर्षों पुरानी यादों को ताजा तो किया हि लेकिन साथ ही इसने हमें थी हर्षोउल्लास से भर दिया। अब उमंग का यह त्योहार भारत के लगभग सभी हिस्सो में शुरू हो चुका है। जिले के अधिकतर गांव में फागो की टोलियां अपने साज-बाज और फागों का गायन कर वर्षों पुरानी परम्परा को निभाते हुए होली मनाने निकल पड़ी हैं।

भारत के इतिहास में देखा जाए तो होली का त्योहार अपने आप में इसलिए भी खास है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस त्योहार के आने से ही पेड़ में वापस हरियाली आनी शुरू होती है। इतना ही नहीं इस त्योहार को खेतों में बहार के नजरिए से भी देखा जाता है। होली आती है लोगों के दिलों में बहार लाती है। खुशियों के रंग में डूबकर पूरे देश के लोगों के चेहरे खिल जाते हैं।

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