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जाने बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के बारे में वो बातें जो शायद आप नहीं जानते

आंबेडकर जाने बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के बारे में वो बातें जो शायद आप नहीं जानते

नई दिल्ली। बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने दलितों के खिलाफ होने वाले अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई थी और उनको अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष किया था। बचपन में भीमराव आंबेडकर के परिवार के साथ सामाजिक और आर्थिक रूप से काफी भेदभाव किया जाता था। भीमराव आंबेडकर कुशाग्र बुद्धि के व्यक्ति थे। उनके पास कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स दोनों ही विश्वविद्यालयों से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि थी। इसके अलावा डॉक्टर भीमराव आंबेडकर को कई भाषाओं का ज्ञान भी था। आइए आज आंबेडकर जयंती के मौके पर उनसे जुड़ीं कुछ खास बातें आपको बताते हैं शायद जो आप नहीं जानते होंगे।

बता दें कि भीम राव आंबेडकर ने देश का संविधान लिखने के साथ-साथ और भी कई ऐसे काम किए जिनको  जीवन भर याद रखा जाएगा। 

* भीमराव अंबेडकर के बचपन का नाम रामजी सकपाल था। * डॉक्टर भीमराव आंबेडकर का जन्म महार जाति में हुआ था जिसे लोग अछूत और बेहद निचली जाति मानते थे।

* भारत का संविधान बनाने में आंबेडकर का बड़ा योगदान माना जाता है।

* उन्होंने बरसों तक बौद्ध धर्म का अध्ययन किया था। उसके बाद 14 अक्टूबर, 1956 को उन्होंने बौद्ध धर्म अपनाया था। उनके साथ उनके करीब 5 लाख समर्थक भी बौद्ध धर्म में शामिल हो गए थे।

* 64 विषयों पर उनको महारत हासिल थी और 9 भाषाएं बोल सकते थे।

* उनका निधन 6 दिसंबर, 1956 को दिल्ली स्थित उनके घर पर हुआ था। उनकी पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

* दलितों की स्थिति में सुधार लाने के लिए उन्होंने काफी काम किया और छूआछूत जैसी प्रथा को खत्म करने में उनकी बड़ी भूमिका थी। इसलिए उनको बौद्ध गुरु माना जाता है। उनके अनुयायियों का मानना है कि उनके गुरु भगवान बुद्ध की तरह ही काफी प्रभावी और सदाचारी थे। उनका मानना है कि डॉ. आंबेडकर अपने कार्यों की वजह से निर्वाण प्राप्त कर चुके हैं। यही वजह है कि उनकी पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण दिवस या महापरिनिर्वाण दिन के तौर पर मानाया जाता है।

* दिल्ली में डॉ. भीमराव आंबेडकर की पहली प्रतिमा रानी झांसी रोड पर स्थित आंबेडकर भवन में 14 अप्रैल 1957 को स्थापित की गई थी।

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