Kishor Upadhyay joins BJP || कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को पार्टी द्वारा निष्कासित किए जाने के बाद किशोर उपाध्याय ने अब भाजपा का दामन थाम लिया है। आपको बता दें कांग्रेस पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को पार्टी विरोधी गतिविधियों का हवाला देते हुए 6 साल तक के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।
किशोर उपाध्याय ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है और भाजपा में शामिल होते ही किशोर उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंड के विकास के लिए उनका कांग्रेस छोड़ना जरूरी था। इसीलिए उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया। वही जानकारी के मुताबिक कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए किशोर उपाध्याय अपनी परंपरागत सीट टिहरी से भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ सकते हैं।
आज प्रदेश कार्यालय देहरादून में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष श्री @KupadhyayINC जी ने भाजपा सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर चुनाव प्रभारी श्री @JoshiPralhad जी, प्रदेश अध्यक्ष श्री @madankaushikbjp जी, केन्द्रीय मंत्री @AjaybhattBJP4UK जी की उपस्थिति में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। pic.twitter.com/eJiyK4Etpp
— BJP Uttarakhand (@BJP4UK) January 27, 2022
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक किशोर उपाध्याय से कांग्रेस छोड़ने के कारण को पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी छोड़ने की असली वजह कांग्रेस से ही पूछ ही जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि 45 साल से वह कांग्रेस में एक सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे हैं, और कभी किसी की आलोचना भी नहीं करते लेकिन उत्तराखंड और देश की रक्षा तब संभव है जब उत्तराखंड खुशहाल रहेगा, खुश रहेगा। इसीलिए राज्य के विकास के लिए मैंने भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया है।
वहीं भाजपा में शामिल होते ही किशोर उपाध्याय ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कामकाज की भी जमकर तारीफ की।
कांग्रेस ने लगे है ये आरोप
आपको बता दें उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने किशोर उपाध्याय कुछ सभी पदों से हटाने को लेकर आदेश जारी कर दिया था। आदेश के मुताबिक देवेंद्र यादव ने कहा था कि उत्तराखंड के लोग बदलाव के लिए तरस रहे हैं और भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का इंतजार कर रहे हैं। कुशासन और भाजपा नेतृत्व से लोग व्यापक रूप से नाराज हैं। पत्र में आगे लिखा है कि चुनौतियों का सामना करना उत्तराखंड देवभूमि की सेवा करना हम सभी का कर्तव्य है। दुख की बात यह है कि किशोर उपाध्याय इस लड़ाई में कमजोर और लोगों के हित को कमजोर करने के लिए भाजपा एवं अन्य राजनीतिक दलों के साथ मिलनसार हो रहे हैं।
इसी के साथ पत्र में यह भी कहा गया है कि किशोर उपाध्याय को व्यक्तिगत रुप से कई चेतावनी दिए जाने के बावजूद उनका पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होना समाप्त नहीं हुआ। जिसके चलते किशोर उपाध्याय को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया गया है वही आगे की कार्यवाही निलंबित है।
44 साल से कांग्रेस के साथ है किशोर उपाध्याय
किशोर उपाध्याय ने 1978 में कांग्रेस ज्वाइन की थी। साथ ही कांग्रेस पार्टी के साथ लंबे समय से काम किया। वर्ष 2002 से 2007 के बीच वह टिहरी विधानसभा सीट से विधायक रहे। 2017 में अपनी परंपरागत सीट टिहरी को छोड़कर देहरादून सहसपुर सीट पहुंचे। जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वहीं 2014 में उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के रूप में किशोर उपाध्याय को चुना गया। इसी के साथ ही 1991 में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य भी रह चुके हैं किशोर उपाध्याय।