एनआईए लगातार टेरर फंडिंग मामले में अलगाववादी नेताओं पर शिकंजा कसने में लगी हुई है। लगातार इस मामले में कोई ना कोई नया मुद्दा सामने आ रहा है। वही अब एनआईए के शिकंजे में अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी भी फंसते दिखाई दे रहे हैं। संबंधित मामले में फंसते दिखाई दे रहे हैं। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू का कहना है कि संबंधित मामले में जिसका भी नाम सामने आएगा उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा है कि कानून के दायरे में जो भी आएगा उसे छोड़ा नहीं जाएगा। इससे पहले एनआईए ने सैयद अली शाह गिलानी के बेटे को पूछताछ के लिए बुलाया था। सूत्रों के अनुसार खबर आई है कि अब गिलानी की 14 संपत्तियों को चिह्नित किया गया है। यह संपत्तियां 100 से 150 करोड़ रुपए के बीच में हैं।
टेरर फंडिंग मामले में इन दिनों एनआईए हुर्रियत नेताओं पर अपना शिकंजा जमाने में लगी हुई है। पाकिस्तान से फंडिंग और इस फंडिंग को आतंकियों की मदद में लगाने के मामले में एनआईए ने सात हुर्रियत नेताओं को गिरफ्तार किया है। कश्मीर में हिंसा फैलाना तथा भीड़ को उकसाना और अन्य मामलों में सात अलगाववादी नेताओं की गिरफ्तारी की गई थी। एनआईए ने सात अलगाववादी नेताओं की गिरफ्तारी की थी जिन्हें कोर्ट ने रिमांड पर भेज दिया था। ईडी द्वारा शब्बीर शाह की गिरफ्तारी के बाद अब और भी हुर्रियत नेताओं पर खतरे के बादल मंडराने लग गए हैं। अब उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि एनआईए की कार्रवाई उनपर भी हो सकती है और अब एनआईए अपनी आगे की कार्रवाई में पूछताछ के लिए यासीन मलिक, मीरवाइज तथा गिलानी को बुलाया जा सकता है।