प्योंगयांग। आए दिन किसी न किसी देश की आपस में खटास देखने को मिलती है। जिसके चलते सभी देश अपनी रक्षा प्रणाली को मजबूत करने में लगे हुए हैं। इसके साथ ही उत्तर कोरिया और अमेरिका के रिश्तों में आए नि खटास देखने को मिलती है। दोनों ही देश हर समय एक-दूसरे को नष्ट करने के लिए इंतजार करते रहते हैं। अमेरिका में चुनाव नतीजे आने के बाद अब 20 जनवरी को जो बाइडेन राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। इसी बीच ठीक उससे पहले उत्तर कोरिया की तरफ से बड़ा बयान सामने आया है। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने कहा कि अमेरिका को अपना सबसे बड़ा दुश्मन बताया है और अपने परमाणु हथियारों को और शक्तिशाली बनाने की की धमकी भी दी है। इसके साथ ही उत्तर कोरिया की तरफ से अमेरिका के लिए कई बयान दिए गए है।
अमेरिका हमारा सबसे बड़े दुश्मन- किम
बता दें कि कोरिया की सत्तारूढ़ पार्टी की इसी सप्ताह हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान किम के इन कमेंट्स को जो बाइडेन के आने वाले प्रशासन पर दबाव बनाने के रूप में देखा जा रहा है। बाइडेन ने किम को “ठग” कहा है और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ उनकी बैठक की आलोचना की थी। कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने शनिवार को किम के हवाले से कहा, हमारी विदेशी नीति की गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। अमेरिका हमारा सबसे बड़े दुश्मन और हमारे न्यू इनोवेशन जवलपमेंट में मुख्य बाधा है। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका में सत्ता में कौन है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। अमेरिका की प्रकृति और उत्तर कोरिया के प्रति उसकी नीतियां कभी नहीं बदलती हैं।
अमेरिका बातचीत करना चाहता है तो वे भी तैयार हैं- किम
इसके साथ ही किम ने कहा कि वह अपने परमाणु हथियारों का उपयोग तब तक नहीं करेंगे जब तक कि “शत्रुतापूर्ण” ताकतें उत्तर कोरिया के खिलाफ अपने परमाणु हथियारों का उपयोग करने का इरादा नहीं रखती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि अमेरिका बातचीत करना चाहता है तो वे भी तैयार हैं। लेकिन जोर देकर कहा कि उत्तर कोरिया अमेरिकी का सामने करने के लिए अपनी सैन्य और परमाणु क्षमता को मजबूत करेगा। साथ हीकिम ने अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों के विकसित करने की जानकारी भी अधिकारियों से ली। इनमें एक मल्टी-वारहेड मिसाइल, अंडरवाटर-लॉन्च होने वाली परमाणु मिसाइलें, लंबी दूरी की मिसाइलें और जासूसी उपग्रह आदि शामिल हैं। इसके साथ ही किम ने कहा कि उत्तर कोरिया को 15,000 किलोमीटर दूरी पर सटीक हमले की क्षमता को विकसित करनी चाहिए।