लखनऊ। राजधानी के केजीएमयू स्थित ओपीडी में मरीजों को दिखाने के लिए पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना जरूरी है। ऐसा कई बार देखा गया है कि पहले से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन न होने पर मरीजों को बिना इलाज ही लौटना पड़ता है। हालाकि इस दौरान कई बार डाक्टर्स के कहने पर गंभीर तथा दूर दराज से आये मरीजों परामर्श व इलाज मुहैया हो जाता है,लेकिन सभी मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पाता।
वहीं केजीएमयू प्रशासन का दावा है कि ओपीडी में यह व्यस्था कर दी गयी है कि रजिस्ट्रेशन न होने की स्थिति में भी जरूरत मंद मरीजों को इलाज मिल सके। मरीज को बिना इलाज वापस न भेजा जाये।
बताया जा रहा है कि अब ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन यदि किन्हीं कारणों से कोई मरीज नहीं करा पाया है,तो भी उसे ओपीडी से बैरंग नहीं लौटना पड़ेगा।
दरअसल,केजीएमयू में इलाज के लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों से मरीज पहुंचते हैं,लेकिन कई बार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं होने से मरीजों को ओपीडी में चिकित्सक से परामर्श लेने मे असुविधा का सामना करना पड़ता है,विशेषकर ग्रामीण परिवेश के मरीजों को खासी दिक्कत उठानी पड़ती है।
तकनीकि खराबी के चलते नहीं हो पाता रजिस्ट्रेशन
बीते मंगलवार को पुराने लखनऊ निवासी एक शख्स ने केजीएमयू के मानसिक रोग विभाग की ओपीडी में चिकित्सक को दिखाने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने की काफी कोशिश की ,तारीख उपलब्ध होने के बाद भी उसका रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका,ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के दौरान पूरी प्रक्रिया हो जाने के बाद जब तारीख पर क्लिक किया जा रहा था,तो रजिस्ट्रेशन न हो पाने का संदेश आ रहा था। यह एक मामला तो बानगी मात्र है। इस तरह के कई मामले रोज देखे जाते हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
केजीएमयू में आईटी सेल इंचार्ज डा रिचा खन्ना के मुताबिक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के दौरान तकनीकि खराबी की वजह से दिक्कत नहीं आती है, बल्कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का सही तरीका लोग समझ नहीं पाते,जिसकी वजह से रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाता है।
केजीएमयू प्रवक्ता डा सुधीर सिंह के मुताबिक रजिस्ट्रेशन के दौरान किसी प्रकार की तकनीकि दिक्कत होने की बात कभी सामने नहीं आयी। यदि किसी को समस्या आती भी है,तो ऐसा नहीं है कि मरीज को देखा नहीं जायेगा या पर्चा नहीं बनेगा। जो मरीज ओपीडी में इलाज के लिए पहुँचते हैं, यदि उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया,तबभी चिकित्सक उनके देखते हैं।