तिरुवनंतपुरम। जमीन घोटाले में नाम आने के बाद केरल के परिवहन मंत्री थॉमस चांडी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने थॉमस चांडी का इस्तीफा तो स्वीकार कर लिया है, लेकिन इस्तीफे को स्वीकार करते समय वो काफी दबाव में नजर आ रहे थे। बता दें कि इस्तीफे को लेकर मुख्यमंत्री ने चांडी और एनसीपी के नेताओं से भी चर्चा की थी। जमिन घोटाले में नाम आने को लेकर प्रदेश में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडिएफ और बीजेपी चांडी के इस्तीफे की जमकर मांग कर रही थी
इस्तीफे को लेकर हुई बैठक के बाद मुख्यमंत्री पी विजयन ने कहा कि मंत्रिमंडल ने थॉमस चांडी के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं की। हालांकि मैंने चांडी और एनसीपी के राष्ट्रीय महासचिव टीपी पीथांबरन से चर्चा की थी। एनसीपी अपने केंद्रीय नेताओं के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेगी और उसके बाद अपने निर्णय के बारे में हमें सूचित करेगी। इसी के साथ सीएम ने कहा कि केरल कैबिनेट ने देवसवम बोर्ड में आर्थिक समुदाय के पिछड़े लोगों के लिए आरक्षण को लागू करने का निर्णय लिया है।
गौरतलब है कि अलपुझा जिले में लेक रिजार्ट में भूमि अतिक्रमण के आरोपों के चलते थॉमस चांडी के इस्तीफे की मांग बढ़ रही है। कांग्रेस नेतृत्व वाली यूडीएफ और भाजपा चांडी के इस्तीफे की मांग कर रही है। रविवार को केरल की बीजेपी इकाई ने राज्यपाल पी सदाशिवम से परिवहन मंत्री थॉमस चांडी को अयोग्य घोषित करने का अनुरोध किया है। साथ ही राज्य मंत्रिमंडल में मंत्री के तौर पर कामकाज करने से रोकने का अनुरोध किया है।