नई दिल्ली। बीते रविवार जेटली ने केरल का दौरा किया जिसमें उन्होंने आरएसएस के उस कार्यकर्ता के परिवार से मुलाकात की जिसकी कुछ दिन पहले बेहरहमी से हत्या कर दी गई थी। जिसको लेकर बीजेपी ने सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सीपीआईएम पर आरोप लगाया था। केरल में आरएसएस कार्यकर्ता के पर हुए हमले के बाद पीड़ित परिजनों से मिलने पहुंचे अरूण जेटली ने वहां एलडीएम पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये बड़े दुख की बात है कि केरल में हमेशा से एलडीएफ सत्ता में है और फिर भी यहां राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ हिंसा की घटनाए बढ़ती जा रही हैं उनपर कोई रोक नहीं लगाई गई।
बता दें कि जेटली ने आगे कहा कि आरएसएस कार्यकर्ता राजेश को जो घाव दिए गए उन्हें देखकर आतंकी भी घबरा गए हैं। जेटली ने कहा कि ऐसी घटना को आतंकी भी अंजाम नहीं देते। आगे उन्होंने कहा कि अगर ऐसी कोई घटना बीजेपी या एनडीए के शासन में होती तो अब तक राज्य में अवॉर्ड वापस करने का दौर शुरू हो जाता। जेटली ने कहा कि केरल में एस तरह कि हिंसा न तो हमे डरा सकती है और न ही हमारी विचार धारा को बदल सकती है और न ही हमारे कार्यकर्ताओं को डराने में कामयाब हो सकती है। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह की घटनाओं नो हमारे कार्यकर्ताओं और हमारे संकल्प को और भी मजबूत बना दिया है। हम हमेशा उन लोगों के खिलाफ लड़ते रहेंगे जो हिंसा फैला रहे हैं।
साथ ही जेटली ने कहा कि जिस आरएसएस कार्यकर्ता को मारा गया है उसके शरीर पर 70 से लेकर 80 घाव हैं। ऐसा तो कोई दुश्मन भी नहीं करता है। वहीं सीपाआई राजभवन में सीपीआईएम कार्यकर्ताओं पर हो रहे हमले को लेकर सीपीआई विरोध प्रदर्शन कर रही है। पार्टी समर्थक और उनका परिवार इस पूरे विरोध में शामिल है। केरल में इस तरह कि हिंसाए काफी बार हो चुकी हैं। जिसमें आरएसएस के कार्यकर्ता घायल हो चुके हैं। बीजेपी का आरोप है कि इस तरह की घटनाएं बीजेपी और आरएसएस को निशाना बना कर की जा रही है। केरल में पिछले 13 महीनों में 14 आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है। बीजेपी इन हत्याओं के पीछे सीपीआईएम का हाथ बता रही है।