नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वस्तु एवं सेवा कर के बाद प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मुद्दे पर मोदी सरकार के फैसला का कड़ा विरोध करते हुए पीएम पर निशाना साधा है। केजरीवाल ने कहा कि एक साल में व्यापारियों पर तीन मार- पहली नोटबंदी, फिर जीएसटी और अब एफडीआई। सरकार के इस फैसले से छोटे व्यापरियों के लिए तो मरने की नौबत आ गई है। बता दें कि 10 जनवरी को मोदी सरकार की कैबिनेट मीटिंग मे सिंगल ब्रांड खुदरा कारोबार और निर्माण विकास में 100 फीसदी विदेशी निवेश को मंजूरी दी गई थी।
केजरीवाल ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने एफडीआई का विरोध किया था। वहीं विपक्षी दलों का कहन है कि एफडीआई से बाहरी कंपनियों का दबदबा बढ़ेगा। छोटे व्यापारियों के लिए मुश्किलें और बढ़ेगी। कांग्रेस का कहना है कि 100 प्रतिशत एफडीआई से बहुत ज्यादा बदलाव नहीं आएगा क्योंकि दुनिया के तकरीबन सभी प्रमुख ब्रांड पहले से ही यहां हैं और उनको सौ फीसदी एफडीआई की अनुमति पहले ही दी जा चुकी है।
पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने भी खुदरा कारोबार में 100 फीसदी एफडीआई का विरोध किया है। उनका कहना है कि एफडीआई नियमों को उदार बनाने को देश के लिए घातक बताया है। सिन्हा ने कहा है कि बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार ने इस मामले पर यू-टर्न लिया है।