अमृतसर। आधी रात को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में थे। रात तीन बजे केजरीवाल स्वर्ण मंदिर में भूलबक्श यानी माफी मांगने के लिए पहुंचे थे। धर्मग्रंथ के अपमान को लेकर उठे विवाद से पीछा छुड़ाने के लिए केजरीवाल स्वर्ण मंदिर पहुंचे थे लेकिन वहां वो बर्तन साफ करने को लेकर नए विवाद में घिर गए हैं।
केजरीवाल दिल्ली से साढ़े चार सौ किलोमीटर दूर पंजाब के अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में सेवा देने पहुंचे थे। अमृतसर के पवित्र मंदिर में दिल्ली के मुख्यमंत्री ने एक विवाद से पीछा छुड़ाने के लिए अपनी सेवा दी।
लेकिन एक विवाद से पीछा छुड़ाने के लिए केजरीवाल ने यहां दूसरा विवाद खड़ा कर दिया। दरअसल सेवा देने के लिए केजरीवाल ने जिन बर्तनों को साफ किया असल में वो पहले से ही साफ बर्तन थे। यानी साफ बर्तन को ही साफ करके केजरीवाल भूल की माफी के लिए अपनी सेवा दे रहे हैं। साफ बर्तन की इस सफाई पर उनकी अपनी सफाई भी हो सकती है केजरीवाल की इस सेवा ने एक नया विवाद तो खड़ा कर ही दिया है।
स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा, “अनजाने में हम लोगों से कुछ ग़लतियां हो गई थीं, उसी की क्षमायाचना के लिए दरबार साहेब में हम लोगों ने सेवा की है। सेवा करने से मन को बहुत शांति मिली।”
इससे पहले रविवार रात अमृतसर के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने पर जहां पार्टी के स्थानीय इकाई ने उनका स्वागत किया, वहीं अरविंद केजरीवाल के विरोध में जगह-जगह पर रोष प्रदर्शन हुए। पहले जहां एयरपोर्ट के बाहर ‘अरविंद केजरीवाल वापस जाओं’ के नारे लगे, वहीं सैंट्रल जेल के बाहर अन्य संगठनों की ओर से सर्किट हाउस के बाहर उनको काले झंडे दिखाए गए, जबकि सर्किट हाउस में पहुंचते हुए अरविंद केजरीवाल ने अमृतसर की इकाई के साथ बैठक शुरू कर दी।
इस विरोध के पीछे की कहानी शुरू होती है 3 जुलाई से। उस दिन अमृतसर में अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में पार्टी का चुनावी घोषणापत्र जारी हुआ था। आरोप है कि आप नेता आशीष खेतान ने घोषणापत्र की तुलना गीता,बाइबल, गुरु ग्रन्थ साहिब जैसे धार्मिक ग्रंथों से की थी।
इतना ही नहीं घोषणा पत्र पर स्वर्ण मंदिर के साथ झाड़ू की एक तस्वीर को लेकर भी सिख संगठनों ने धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया। अगले साल पंजाब में चुनाव होने हैं और इस विवाद में फंसने की वजह से केजरीवाल की परेशानी बढ़ सकती है लिहाजा इसी विवाद को धोने के लिए वो आज सेवा देने हरमंदिर साहब पहुंचे थे।