रूद्रप्रयाग: हिंदुओं की आस्था के प्रतीक भगवान केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई को खुलेने जा रहे हैं। कपाट सुबह 5 बजे से खुल जाएंगे। उत्तराकंड चार धाम प्रबंधन बोर्ड ने कपाट खुलने की जानकारी दी है। पिछल साल नवंबर में परंपरा और वैदिक मंत्रोच्चरण के साथ धाम के कपाट 6 माह के लिए बंद कर दिए गए थे।
भैय्या दूज पर बंद हुए थे कपाट
बारिश और बर्फबारी के बीच 11वें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ धाम के कपाट भैया दूज के अवसर पर बंद किए गए थे। उत्तराखंड प्रशासन के मुताबिक पिछले साल एक लाख 35 हजार से श्रद्धालुओं ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किए थे।
18 मई को खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट
केदारनाथ धाम के एक दिन बाद यानी 18 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट भी खुल जाएंगे। बदरीनाथ उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। वसंत पंचमी के अवसर पर नरेंद्रनगर राज महल में मंदिर के कपाट खोलने के मुहूर्त की घोषणा की गई थी। 18 मई को सुबह 4.15 बजे श्रद्धालुओं के लिए कपाट खोल दिए जाएंगे।
पहनाया जाता है ऊन का लबादा
कपाट बंद होने से पहले भगवान को ऊन का लबादा पहनाया जाता है। ऊन के लबादे पर घी भी लगाया जाता है। यहां पर भक्त और भगवान की आत्मीयता और लगाव के दर्शन होते हैं। ऐसी मान्यता है कि भगवान को ठंड से बचाने के लिए ऊन का लबादा पहनाया जाता है। बताया जाता है कि इस ऊन के लबादे को भारत के अंतिम गांव माणा की कन्या बुनकर भगवान को देती हैं।
शीतकाल में देवता करते हैं पूजा
ऐसी मान्यता है कि कपाट बंद होने के बाद देवता भगवान की पूजा करते हैं। देवता भगवान के दर्शन करने के लिए आते हैं। जिस तरह कपाट खुलाने पर आम जनता भगवान की दर्शन करने आती है। ठीक उसी प्रकार देवता भी भगवान का दर्शन करने आते हैं।