नई दिल्ली। डब्ल्यूडब्ल्यूई की अंतर्राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा में भारत की पहली महिला रेसलर कविता देवी अपना दमखम दिखाएगी। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रिंग में उतरने वाली वे भारत की पहली भारतीय महिला हैं। छह वर्षिय बेटे की मां कविता को यहां तक पहुंचने में काफी मश्कत करनी पड़ी है। डब्ल्यूडब्ल्यूई में हार्ड केडी के नाम से चर्चित कविता देवी तीन साल के अनुबंध के तहत अमेरिका में ट्रेनिंग ले रही हैं। यहां आपकोंं बता दें कि कविता पारंपारिक भारतीय परिधान सूट-सलवार में मैदान में उतरती हैं।
इसको लेकर कविता ने एक साक्षत्कार के दौरान कहा था कि मुझे अपनी भारतीय संस्कृति के परिधान सलवार-कमीज पहनकर रिंग में उतरने पर गर्व महसूस होता है। सलवार-कमीज पहनकर रिंग में उतरने वाली वे भारत की पहली महिला है। कपड़ों को लेकर भारत की कई लड़कियां डब्ल्यूडब्ल्यूई कुश्ती स्पर्धा में जाना पसंद नहीं करती। मैंने इस रूपक को तोड़ दिया है और अब हमारे देश की लड़कियां ज्यादा प्रेरित हो रही हैं। कविता ने कहा कि सलवार-सूट पहनाना उनके प्रदर्शन में कभी अड़चन नहीं बन पाया।
छह साल के बेटे की मां कविता की शादी साल 2009 में एक रूढ़िवादी परिवार में हुई थी जहां परिस्थितियों को अपने अनुकूल बनाने में उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी। छोटे किसान परिवार में पांच भाई-बहनों के साथ पली-बढ़ी कविता का बचपन कठिनाइयों में बीता। हरियाणा के जींद जिला स्थित मालवी गांव की पक्के इरादों वाली हरियाण की छोरी डब्ल्यूडब्ल्यूई सर्कल में अपना दम दिखाने को प्रतिबद्ध है। उनके प्रशिक्षक व उस्ताद ग्रेट खली और जिंदर महल दोनों डब्ल्यूडब्ल्यूई चैंपियन रहे हैं।
जालंधर स्थित खली के रेसलिंग एकेडमी में प्रशिक्षित कविता ने कहा कि खली सर ही मुझे डब्ल्यूडब्ल्यूई की रिंग में लेकर आए। मेरे कॅरियर को बनाने में उनका बड़ा योगदान है। उन्होंने अंतराष्ट्रीय स्तर पर भारत की ख्याति फैलाई है। कविता ने 2016 में डब्ल्यूडब्ल्यूई में आने के पहले 15 साल से अधिक समय तक कुश्ती की और 2016 के दक्षिण एशियाई गेम्स में भारत के लिए स्वर्ण पदक हासिल की। कविता का वजन 75 किलोग्राम और कद पांच फुट नौ इंच है।