featured यूपी

काढ़ा पीने वाले सावधान, अधूरा ज्ञान कर सकता है परेशान

काढ़ा पीने वाले सावधान, अधूरा ज्ञान कर सकता है परेशान

लखनऊः कोरोना संक्रमण से बचने के लिए इम्यूनिटी सिस्टम का मजबूत होना बेहद जरुरी है। निरोग रहने के लिए लोग आयुर्वेदिक जड़ीबूटी और  काढ़े का सेवन कर रहे हैं । तो वहीं लोगों ने काढ़े का इस्तेमाल हद से ज्यादा से शुरु कर दिया । ऐसे में आप को सावधान रहने की जरुरत है, जरा सी लापरवाही से काढ़ा आपको नुकसान पहुंचा सकता है। यह बात हम नहीं बल्कि डॉक्टर बता रहे हैं। काढ़े में जो औषधियां होती है। उनकी अधिक मात्रा से एसिडिटी, पेट में दर्द, सीने में जलन और अल्सर जैसी समस्याएं आपको मुसीबत में डाल सकती है। राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय के डॉक्टर्स का मानना है कि काढ़े का सेवन सोच-समझकर और एक्सपर्ट की सलाह से करें।

पुरूषों को 90 मिलीग्राम लेना है काढ़ा

राजाजीपुरम के रहने वाले दिनश शर्मा ने बताया कि एक सप्ताह से उन्हें पेट और सीने में जलन सी महसूस हो रही थी। इसके बाद उन्हें उल्टियां शुरु होने लगी। जब वह डॉक्टर के पास पहुंचे, तब डॉक्टर ने उनसे खानपान की जानकारी ली। तब पता चला कि वह इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए दिन में तीन से चार बार काढ़ा ले रहे हैं । तब डॉक्टर ने बताया कि पुरुष को सिर्फ 90 मिलीग्राम और महिलाओं को 70 मिलीग्राम काढ़े का सेवन करना चाहिए। जबकि बच्चों और बुजुर्गों के लिए कम मात्रा होगी। ज्यादा इस्तेमाल करने से परेशानी खड़ी हो सकी है।

केस : दो- एक्सपर्ट की सलाह से करें सेवन

आलमबाग की रहने वाली स्वाति स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं। वह रोजाना हॉस्पिटल जाती है। कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए वह होममेड काढ़े का सेवन करती थी। उन्होने बताया कि करीब 15 दिन बाद उन्हें पेट में जलन होने लगी। इसके बाद उल्टियां शुरु हो गई। जब वह डॉक्टर के पास पहुंची तो पता चला कि वह अधिक मात्रा में होममेड काढ़ा इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए ले रही थी। ज्यादा मसाला इस्तेमाल कराने से उन्हें गले से लेकर मुंह की नाल में छाले होने लगे थे। जिसके बाद डॉक्टर ने बताया कि बगैर एक्सपर्ट की सलाह से काढ़ा न लें।

मसालों की गर्म होती है तासीर

होम्योपैथिक डॉक्टर रत्नाकर त्रिपाठी ने बताया कि दालचीनी, अदरक, लौंग जैसे मसालों की तासीर गर्म होती है। अधिक मात्रा में सेवन करने से गले में छाले और पेट की समस्या होने लगती है । माइको न्यूट्रिएंट के लिए शुद्ध और पौष्टिक आहार भी काफी है। बताया कि दिन में एक ही बार काढ़े का सेवन करें। दालचीनी में हेपेटॉनिक्सन की मात्रा हद से ज्यादा होती है। जो लीवर के लिए घातक बन सकती है। खाने में लहसून का इस्तेमाल करना चाहिए। तो वहीं आयुर्वेदिक फिजिशियन डॉक्टर पुनीत तिवारी के मुताबिक, मार्केट में काढे का पैकेट्स खरीदते वक्त गुड मैन्युफेक्चरिंग प्रेक्टिस जरुर देखें। इसके अलावा काढ़े में इस्तेमाल होने वाली समाग्री की जांच कर लें। काढ़े के सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह जरुर लें। खासतौर पर अपने अनुसार कोई भी औषधि या मसाला कम-ज्यादा न करें। काढ़ा पैकेट हमेशा अच्छी कंपनी का ही लें।

इम्यूनिटी बूस्टर्स की सही मात्रा

अश्वगंध-एक कैप्सूल

काली मिर्च-2-5 नग

दालचीनी-1-2 चुटकी

इलायची-4-5 नग

लौंग-4-5 नग

तुलसी-3-5 पत्ते

इंटरनेट के जरिए बन रहा काढ़ा 

वैश्विक महामारी के संक्रमण से बचने के लिए लोग आसान तरीका भी अपना रहे हैं। लोगों ने इंटरनेट के जरिए काढ़ा बनाने का नुख्शा खोज कर काढ़ा बना रहे हैं। जिसमें वह देख रहे हैं कि काढ़ा बनाने में कौन से घरेलू मसाले उपयोग में लाए जा रहे हैं। जबकि इम्यूनिटी यूज एक दो दिन में ही नहीं बढ़ जाती है। लेकिन एक्सपर्ट का मानना है कि हर किसी के लिए एक ही फार्मूला ठीक नहीं है, हर व्यक्ति और महिला के लिए अलग-अलग फार्मूला की जरूरी होती है। डॉक्टर के हर व्यक्ति के हिसाब से माइक्रोन्यूट्रिएंट और उनकी मात्रा भी तय करता है।

Related posts

सोनीपत जिले में रेव पार्टी करते हुए 150 युवाओं को किया गिरफ्तार, नशे के कारोबार का पर्दाफाश

Rani Naqvi

चोरी कर भाग रहे चोरों को ग्रामीणों ने पकड़ा, खंभे से बांधकर पीटा

Shailendra Singh

दिल्ली पुलिस की सुरक्षा में रहेगी कोरोना वैक्सीन, रिहर्सल शुरू

Aman Sharma