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कश्मीर में अलगाववादियों का प्रदर्शन नाकाम, दर्जनों घायल

Mirwaiz Umar Farooq कश्मीर में अलगाववादियों का प्रदर्शन नाकाम, दर्जनों घायल

श्रीनगर। कश्मीर घाटी में विरोध प्रदर्शन में दर्जनों लोग घायल हो गए। दक्षिण कश्मीर का अनंतनाग जिला सबसे अस्थिर क्षेत्र रहा। वहां अलगाववादियों के आह्वान पर लोगों ने कर्फ्यू का उल्लंघन कर जुलूस निकालने की कोशिश की।

Mirwaiz Umar Farooq

पुलिस सूत्रों ने कहा कि दक्षिण कश्मीर के बहुत सारे स्थानों पर एवं पुराने श्रीनगर शहर के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू के बावजूद लोग सड़कों पर उतर आए।

सरकार ने सोमवार को अलगाववादियों की ओर से आहूत अनंतनाग मार्च के मद्देनजर पूरी घाटी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी थी। डर यह था कि बड़ी संख्या में लोग दक्षिण कश्मीर पहुंचने के लिए सड़कों पर उतर आए तो स्थिति विस्फोटक हो जाएगी। कश्मीर में हालात बेहद खराब हैं। अब तक करीब 50 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों घायल हैं।

सूत्रों ने कहा कि पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने प्रदर्शनकारियों को भगाने के लिए लाठियां भांजी एवं छर्रे छोड़े। प्रदर्शनकारी अनंतनाग शहर के चौराहे की ओर बढ़ना चाह रहे थे जहां अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारूक ने जनसभा को संबोधित करने और हिंसा में मारे गए लोगों के लिए नमाज पढ़ने का कार्यक्रम रखा था।

गिलानी और फारूक दोनों को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया है क्योंकि दोनों ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया था। गिलानी को उनके हैदरपोरा स्थित आवास से हिरासत में लिया गया। उन्होंने कर्फ्यू के बावजूद मार्च निकालने की कोशिश की थी, जिसके बाद उनके घर के बाहर तैनात पुलिस ने उन्हें बुलेट प्रूफ वाहन में बिठा लिया और हुमहामा पुलिस स्टेशन ले गए।

मीरवाइज को भी उनके घर के नजदीक से हिरासत में लिया गया। उन्हें प्रतिबंधों को धता बताते हुए अनंतनाग की ओर मार्च निकालने के प्रयास में हिरासत में लिया गया। शब्बीर शाह सहित अन्य अलगाववादी नेताओं को भी हिरासत में लिया गया है, जबकि जम्मू एंड कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के यासीन मलिक को घाटी में आठ जुलाई को हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने पर भड़की हिंसा के बाद से ही थाने में बंद रखा गया है।

पुलिस ने एक बयान में कहा है कि पूरी कश्मीर घाटी में स्थिति शांतिपूर्ण एवं नियंत्रण में है। पथराव की छिटपुट घटनाएं कुछ जगहों पर होने की खबर है। अलगाववादियों ने विरोध स्वरूप बंद की अवधि को 29 जुलाई तक बढ़ा दिया है।

वर्ष 2008 और 2010 की अशांति की याद दिलाते हुए अलगाववादियों ने घाटी में साप्ताहिक विरोध प्रदर्शन का कैलेंडर जारी किया है और जनता को बताया है कि कब वे अपनी दुकानें खोलें और बंद करें और प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरें।

इस बीच, हिंसा के दौरान घायल एक अन्य युवक समीर अहमद वानी की रविवार शाम मौत हो गई, जिसके बाद हिंसक प्रदर्शनों के दौरान मरने वालों की संख्या बढ़कर 49 हो गई है। घाटी के स्कूलों एवं कॉलेजों में ग्रीष्मावकाश रविवार को समाप्त हो गया। राज्य के शिक्षा मंत्री नईम अख्तर ने छुट्टियां खत्म होने की पुष्टि की।

घाटी में हालांकि प्रतिबंध और अलगाववादियों के बंद के आह्वान के कारण सोमवार को अधिकांश शैक्षणिक संस्थान नहीं खुले। श्रीनगर स्थित सचिवालय के एक अधिकारी ने कहा कि श्रीनगर में दुकानें एवं व्यवसाय लगातार 17वें दिन भी बंद रहीं। सरकार द्वारा हर आदमी को काम पर आने के आदेश के बावजूद दफ्तरों में कर्मचारियों की उपस्थिति नहीं के बराबर रही।

(आईएएनएस)

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