नई दिल्ली। कांग्रेस ने सोमवार को जम्मू एवं कश्मीर पर सरकार की परस्पर विरोधी नीति पर सवाल उठाया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली इस संवेदनशील मुद्दे पर एक मत नहीं हैं। कांग्रेस ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री संवाद की बात कर रहे हैं, लेकिन वह किसके साथ संवाद करना चाहते हैं। कांग्रेस ने सलाह दी है कि सरकार जम्मू एवं कश्मीर के मुद्दे पर सुसंगत रुख रखें। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, “वित्तमंत्री को वह जो कह रहे हैं और प्रधानमंत्री जो कह रहे हैं, उनके बीच अंतर्विरोध है इसके बारे में बताना चाहिए। वित्तमंत्री के बयान का अभिप्राय यह है कि जम्मू एवं कश्मीर में कोई राजनीतिक समस्या नहीं है। यह एक विकास से जुड़ी समस्या है। घाटी में जो 45 दिनों से कर्फ्यू जारी है उसका प्रतिकार विकास है।”
तिवारी ने कहा, “दूसरी ओर प्रधानमंत्री दो वर्षो से तीन शब्द इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत का इस्तेमाल कर रहे हैं। जिसके बारे में हमें नहीं लगता है कि उन्होंने खुद इस भाव को समझा है। यह प्रधानमंत्री का खाली शब्दाडंबर है।”उन्होंने आगे कहा, “आज वह संवाद के बारे में बात कर रहे हैं। इसलिए यदि प्रधानमंत्री संवाद के बारे में बात कर रहे हैं तो यह संवाद किसके साथ होने जा रहा है? इसलिए प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री के कथन के सारांश एक जैसे नहीं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को जम्मू एवं कश्मीर के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत में स्वीकार किया कि केवल विकास से जम्मू एवं कश्मीर की समस्या का हल नहीं निकल सकता है।