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आइए जानें क्या है काशी के डोम राजा और गोरक्षपीठ का संबंध

काशी के डोम राजा और गोरक्षपीठ का संबंध

लखनऊ। गोरखपुर की गोरक्षपीठ का सामाजिक समरसता के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान है। महंत अवैद्यनाथ ने सामाजिक समरसता स्थापित करने के लिए जीवन पर्यन्त कार्य किया। आज उसी परम्परा को उनके शिष्य योगी आदित्यनाथ आगे बढ़ा रहे हैं। काशी के डोम राजा और गोरक्षपीठ का संबंध पुराना है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरू महंत अवैद्यनाथ से काशी के डोम राजा स्व. जगदीश चैधरी के परिवार से काफी निकटता थी।

1981 में तमिलनाडु के एक कस्बे मीनाक्षीपुरम में बड़ी संख्या में हरिजन परिवारों को मुस्लिम बना लिए जाने से हिन्दू समाज चकित रह गया। इस प्रकार की घटना उत्तर भारत में न घटित हो इसलिए महंत अवैद्यनाथ सामाजिक समरसता के क्षेत्र में सक्रिय हो गये। महंत अवैद्यनाथ ने कहा था कि हिंदुओं में भेदभाव ठीक नहीं है।

महंत अवैद्यनाथ काशी पहुंचे और डोम राजा से मुलाकात की। डोम राजा ने कहा कि हम तब मानेंगे जब संत आकर हमारे घर भोजन करेंगे। महंत अवैद्यनाथ ने कहा कि वह भोजन करने तभी आएंगे जब भोजन डोम राजा के परिवार के लोग ही बनायें।
महंत अवैद्यनाथ संतों की टोली के साथ डोम राजा के यहां भोजन करने पहुँच गये और सबने भोजन किया। भोजन करने के बाद जब डोम राजा ने संतों को दक्षिणा देना शुरू किया। इस पर महंत अवैद्यनाथ कहा कि यदि वह दक्षिणा ले लेंगे तो मीडिया वाले इस बात को प्रचारित करेंगे कि साधु तो पैसे के लिए डोम के घर भोजन करने आए थे।

जब सभी संत घर जाने लगे तो राजा डोम के घर की महिलाएं भावुक होकर रोने लगी। उन्होंने कहा कि आज हम जाने हंै कि हमहू हिंदू हैं। इसपर महंत अवैद्यनाथ ने कहा हिंदूओं में छुआछूत कहीं नहीं है, हम इसी अभियान पर निकले हैं। सब हिंदू हमारे भाई हैं, इस भाईचारे को मजबूत करना हर हिंदू का कर्तव्य है। बता दें कि गोरक्षपीठ में आज भी उसी परंपरा का निर्वहन कर रहा है।
1994 में काशी में जब धर्मसंसद का आयोजन हुआ। सन्त-महात्मा डोमराजा के घर निमन्त्रण देने के लिए स्वयं चलकर गए, प्रसाद ग्रहण किया, अगले दिन डोमराजा धर्मसंसद अधिवेशन में मंच पर सन्तों के मध्य बैठे, सन्तों ने पुष्प-हार पहनाकर स्वागत किया।

पद्मश्री से सम्मानित काशी के डोम राजा जगदीश चैधरी की प्रथम पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है। योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा कि काशी के डोम राजा ने सामाजिक समरसता के लिए जीवनपर्यंत कार्य किया। वह सनातन परंपरा के संवाहक थे। योगी ने आगे कहा कि सामाजिक भेदभाव समाप्त करने हेतु काशी के डोम राजा द्वारा किए गए प्रयास अविस्मरणीय हैं।

 

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