कासगंज। उत्तर प्रदेश का कासगंज हिंसा और उपद्रव की आग में जल रहा है। हिंसा की ये आग रूक रूक कर धधक उठ रही है। पूरे जिले की सीमाएं सील कर दी गई है। जिलेकी कानून व्यवस्था को पीएसीऔर आरएएफ ने संभाल रखा है। ये हिंसा गणतंत्र दिवस पर आयोजित तिरंगा यात्रा के दौरान हुए पथराव के बाद इस कदर भड़की की दो दिनों में भी शांत ना हो सकी है। पूरे जिले से तोड़फोड़ आगजगी की अलग-अलग स्थानों पर हो रही वारदातें सामने आई हैं। जिले में हालात को देखते हुए धारा 144 लगाने के साथ इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। शनिवार की रात को भी हिंसा की कुच वारदातों की खबरें ने पुलिस प्रशासन की नाक में दम कर रखा है।
दो दिन गणतंत्र दिवस के दिन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद तिरंगा यात्रा निकाल रहा था, इसके दौरान समुदाय विशेष ने वंदे मातरम का विरोध करते हुए पाकिस्तान जिन्दाबाद के नारे लगाए। जिसके बाद दोनों समुदाय के युवकों में तीखी झड़पें होने लगी । एबीवीपी के कार्यकर्ताओं में अपने आपको घिरता हुआ देखा तो मौके से अपने बाइक छोड़ भाग निकले इसके बाद समुदाय बिशेष के युवकों ने बाइकों को आग के हवाले कर दिया जिसके बाद दोनों पक्षों में जमकर पथराव और मारपीट हुई। मामला इस कदर बिगड़ गया कि दोनों पक्षों में फायरिंग की जाने लगी।
हिंसा की आग में धार्मिक स्थलों में तोड़-फोड़ तक हुई। कई वाहनों को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया। इस पथराव और फायरिंग में एक युवक की मौत हो गई औऱ दो अन्य घायल हो गए। इस घटना में दर्जनों पुलिस कर्मियों को भी चोटें आई हैं। फिलहाल पुलिस प्रशासन ने जिले में आपल सेवाएं जारी रखते हुए । बाकी अन्य सेवाओं पर रोक लगा दी है, जिले में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई है मौके पर आरएएफ की टुकड़ियां और पीएसी हालत और स्थिति पर काबू पाने का प्रयास कर रही हैं।
पीड़ित परिवार को मुख्यमंत्री की ओऱ से आर्थिक सहायता और सुरक्षा का आश्वासन दिया गया है। इसके साथ ही मौके जिले के डीएम आरपी सिंह, एसपी सुनील कुमार सिंह, एडीजी अजय आनंद, कमिश्नर सुभाष शर्मा, आइजी डा. संजीव गुप्ता और एसएसपी एटा हालात पर काबू पाने का प्रयास कर रहे हैं। हालात और स्थितियां देखते हुए जिले में सियासी जमावड़ा भी लग गया है। अलीगढ़ मंडल के सभी भाजपा विधायक भी जिले में आ चुके हैं। हालत और स्थितियां की मानीटरिंग की जा रही है।