बेंगलुरू। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव का ऐलान होने से पहले ही राजनीतिक बिगुल बज गया है। राज्य की दोनों बड़ी पार्टी कांग्रेस और बीजेपी अपने पक्ष में चुनावी माहौल को बनाने के लिए पुरजोर कोशिश में लगी हुई हैं। चुनावों के समय में स्थानीय लोगों के पास अपनी समस्याओं को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने का जहां अच्छा मौका है तो वहीं विपक्षी पार्टी इस प्रदर्शन के चलते सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ेगी। बता दें कि राज्य के किसानों ने केंद्र सरकार से नाराज होकर महादायी नदीं विवाद को लेकर राज्यव्यापी कर्नाटक बंद कर रहे हैं। वहीं इसी बीचे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह आज वहां जाने वाले हैं फिर इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वहां जाएंगे। इसके अलावा 10 फरवरी को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी वहां का दौरा करेंगे।
बंद की बात करे तो इसका मकसद राज्य और केंद्र सरकार पर महादयी पानी वितरण विवाद पर समाधान निकालने के लिए दबाव बनाना है। साथ ही कालसा-बांदुरी बांध योजना का इस्तेमाल नहीं किए जाने का विरोध कर रहे हैं, ऐसा किए जाने से महादायी नदी का पानी उत्तरी कर्नाटक के जिलों में चला जाएगा। इस योजना का मकसद था कि जुड़वा शहर हुबली-धरवाड और बेलागावी और गाडग जिलों में पीने के पानी की सप्लाई ठीक ढंग से हो सके। राज्यव्यापी हड़ताल को देखते हुए निजी स्कूल और सरकारी ऑफिस आज बंद रह सकते हैं।कर्नाटक में प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूलों के संगठन ने निजी स्कूलों को सलाह दी है कि या तो वह स्कूल बंद रखें या फिर अपने स्टॉफ और बच्चों का ख्याल रखें।
ऐसी खबरें भी हैं कि राज्य सरकार चाहती है कि प्रधानमंत्री पूरे मामले में हस्तक्षेप करें लेकिन उसको इसमें कामयाबी नहीं मिली। महादायी नदी कर्नाटक से निकलती है और वहीं इसका 78 फीसदी प्रवाह भी है। गोवा में इसे मंडोवी कहा जाता है, जहां की करीब 43 फीसदी आबादी अपनी पेयजल की जरूरतों के लिए इस पर निर्भर है। गोवा और कर्नाटक के बीच दशकों पुराने जल बंटवारे को लेकर विवाद आज भी जारी है, पहले भी लोग विवाद के निपटारे को लेकर सड़क पर प्रदर्शन करते रहे हैं।