लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उप्र ने सरकार से कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए महत्वपूर्ण मांग की है। परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से कहा है कि संक्रमित कर्मचारियों को श्रम विभाग द्वारा जारी शासनादेश के अनुसार 28 दिन का भुगतान युक्त अवकाश दिया जाए।
इस संबंध में शासन से निर्देश भी जारी हो चुके हैं। लेकिन परिषद के संज्ञान में आया है कि कुछ जनपदों में अधिकारियों द्वारा पूर्व के शासनादेश को ना मानते हुए अवकाश नहीं दिया जा रहा है।
अतुल मिश्रा ने पत्र के माध्यम से यह भी मांग की कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए कार्यालयों में पूर्व की भांति 50% उपस्थिति रखने के निर्देश जारी करें ।
चुनाव में ड्यूटी न लगाने की मांग
उपाध्यक्ष सुनील यादव ने मुख्य चुनाव आयुक्त से मांग की है कि चुनाव में ड्यूटी न लगाई जाए। क्योंकि कोरोना के प्रसार को देखते हुए चिकित्सालयों में कार्यरत विभिन्न पैरामेडिकल कर्मी जैसे फार्मेसिस्ट, लैब टेक्नीशियन, स्टाफ नर्सेज, एक्सरे टेक्नीशियन, प्रयोगशाला सहायक, बेसिक हेल्थ वर्कर की ड्यूटी उपचार में लगाई गई है।
वैक्सीनेशन भी सरकार की प्राथमिकता में है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर जिला चिकित्सालय तक वैक्सीनेशन हो रहा है जिसमें सभी की ड्यूटी लगी हुई है। ऐसे में पहले से ही निर्देश दिए गए हैं कि चिकित्साकर्मियों की इमरजेंसी सेवाओं को देखते हुए चुनाव ड्यूटी ना लगाई जाए।
इसके बाद भी कुछ जिलों में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाए जाने का मामला प्रकाश में आया है। उदाहरण के तौर पर कन्नौज मेडिकल कॉलेज की स्टाफ नर्सों की ड्यूटी लगाई गई है। इस पर रोक लगाई जाए।