कानपुर: सजेती सामूहिक दुष्कर्म कांड में कड़ा एक्शन लिया गया है। डीआइजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने मामले में दोषी पाए जाने पर दो दरोगा के साथ सिपाही को निलंबित कर दिया है। दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की खबर सुनते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।
पुलिसकर्मियों पर विभागीय जांच के दिये आदेश
इस मामले में सीओ घाटमपुर गिरीश कुमार ने प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की थी, जिस पर डीआइजी ने ये एक्शन लिया है। इसके साथ ही उन्होंने तीनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दे दिये हैं। डीआइजी ने बताया कि उन्होंने घाटमपुर चौकी इंचार्ज गिरीश कुमार को इस प्रकरण की जांच सौंपी थी।
सीओ की प्रारंभिक जांच में पता चला कि जिस गांव में सामूहिक दुष्कर्म कांड की घटना हुई थी, वहां के चौकी प्रभारी राम शिरोमणि ने लापरवाही की, जिसकी वजह से उनपर एक्शन लेते हुए निलंबित किया गया है। इसके अलावा दुष्कर्म पीड़िता के पिता की मौत के बाद हुए घटनाक्रम में घाटमपुर के चौकी इंचार्ज अब्दुल कलाम और सिपाही आदेश कुमार को भी सस्पेंड कर दिया गया है।
अब तक चार पुलिसकर्मियों पर गिरी है गाज
गौरतलब है कि सजेती दुष्कर्म कांड में अब तक चार पुलिसकर्मी सस्पेंड हो चुके हैं। आज हुई कार्रवाई से पहले आरोपित दीपू यादव के दरोगा पिता देवेंद्र यादव को एसपी कन्नौज ने कार्यस्थल से गैरहाजिर मिलने पर निलंबित कर दिया था। डीआइजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि इस प्रकरण के मुख्य आरोपी दीपू यादव को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया। इससे पहले पुलिस ने आरोपित दीपू के सहयोगी अभियुक्त गोलू को गिरफ्तार किया था।
पीड़िता के चरित्र पर खाकी की ‘शर्मनाक टिप्पणी’
बता दें कि पुलिस ने दुष्कर्म पीड़िता के चरित्र पर ही उंगली उठा दी थी। इसके अलावा खाकी ने पीड़िता के पिता से नाजायज प्रश्नों की बौछार कर दी थी। मृतक पिता के चचेरे भाई ने बताया कि पुलिस, पीड़िता व उसके माता-पिता को देर रात सीएचसी लाई थी। इसके बाद थानेदार और दो महिला पुलिसकर्मियों ने पीड़िता के परिजनों ने पूछताछ की, जिससे वो काफी आहत हुए थे।
पुलिस के प्रश्नों से आहत होकर पीड़िता के पिता घर लौट रहे थे तभी ट्रक ने उन्हें कुचल दिया था, जिससे उनकी दर्दनाक मौत हो गई थी। हालांकि, कुछ लोग कह रहे हैं कि पुलिस की टिप्पणियों से तंग आकर उन्होंने ट्रक के आगे कूदकर आत्महत्या की थी। पुलिस दोनों ही एंगल से मामले की जांच कर रही है।