कानपुरः वर्दी के रौब में आकर बिना नंबर प्लेट के कार चलाना एक दारोगा के लिए महंगा पड़ गया। शो रुम से कुछ दिन पहले नई कार निकलवाकर दारोगा चला रहा था। आरटीओ से कार का नंबर भी एलॉट हो चुका था, लेकिन दारोगा जी वर्दी के रौब में आकर बिना नंबर प्लेट के ही कार चला रहे थे।
दरअसल, कानपुर के नौबस्ता थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह ने पिछले दिनों एक वैगनआर कार खरीदी थी। कार पर दारोगा ने नंबर प्लेट तो नहीं लगवाई, हालंकि पुलिस का स्टीकर जरुर चिपका दिया। पुलिस कमिश्नर असीण अरुण के आदेश पर 5 हजार रुपये का चालान काट दिया गया है।
कमिश्नर के आदेश पर कटा चालान
गुरुवार को दारोगा महेंद्र सिंह राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की वीआईपी ड्यूटी पर तैनात थे। महेंद्र की तैनाती नौबस्ता बम्बा में थी। इस दौरान कानपुर के कमिश्नर की नजर बिना नंबर प्लेट के महेंद्र की नई कार पर पड़ी। कमिश्नर ने तुरंत नौबस्ता इंस्पेक्टर सतीश कुमार को कार चेकिंग करने का आदेश दिया और कार पर पुलिस का लगा स्टीकर भी देखा। कार में कुछ नहीं मिला। कुछ देर बाद जब पता चला कि ये कार महेंद्र सिंह की है तो नौबस्ता इंस्पेक्टर सतीश कुमार ने कार का 5 हजार रुपए का चालान कर दिया।
कानपुर कमिश्नर असीम अरुण ने कहा कि पुलिस लाइन और सभी थानों को आदेश दिया गया था कि कोई भी बगैर नंबर प्लेट के गाड़ी न चलाए। बिना नंबर प्लेट की गाड़ी का चलाना अपराध है।