- भारत खबर || मुंबई
मुंबई में 9 सितंबर को शिवसेना को चेतावनी देते हुए पहुंचने के बाद तमाम वाद विवाद होने के बाद कंगना रनौत वापस मनाली पहुंच गईं है। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच एयरपोर्ट तक कंगना राणावत को पहुंचाया गया। इसके अलावा वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा कंगना रनौत के लिए तैनात रही। मनाली पहुंचकर कंगना रनौत ने कहा कि अब मेरी सिक्योरिटी नाममात्र की रह गई है।
कंगना रनौत ने कहा है कि मैं 5 दिन मुंबई रहकर अपने होमटाउन वापस जा रही हूं। मुझे कमजोर न समझें। लोकतंत्र का चीर हरण करने की बात कहते हुए कंगना ने ट्वीट किया कि, जब रक्षक ही भक्षक होने का ऐलान कर रहे हैं, घड़ियाल बन लोकतंत्र का चीरहरण कर रहे हैं, मुझे कमज़ोर समझ कर बहुत बड़ी भूल कर रहे हैं! एक महिला को डरा कर उसे नीचा दिखाकर, अपनी इमेज को धूल कर रहे हैं।’
https://twitter.com/KanganaTeam/status/1302542975721848839
आपको बता दें कि इस बार कंगना रनौत का मुंबई आना सुर्खियों में रहा और ट्विटर पर लगातार शिवसेना और कंगना रनौत के बीच हुआ छड़ी रही। कंगना रनौत का बीएमसी द्वारा बंगले में तोड़फोड़ किए जाना चर्चा का विषय बना रहा। कंंगगना ने लिखा कि, भारी मन से मुंबई से रवाना हो रही हूं। इतने दिनों में जिस तरह से मुझे डराया-धमकाया गया, मेरे दफ्तर को तोड़ने के बाद बाद मेरे घर को भी निशाना बनाया गया, जिस तरह से मेरे इर्द-गिर्द शस्त्रबल वाली सिक्यॉरिटी तैनात की गई, मुझे कहना ही होगा कि POK से तुलना वाला मेरा बयान कुछ गलत नहीं।
कंगना को नहीं किया गया क्वॉरंटीन
नियमों के अनुसार फ्लाइट से पहुंचने वाले लोगों को 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन किया जाता है लेकिन कंगना रनौत को इस व्यवस्था से छूट मिल गई। छूट इसलिए मिली थी क्योंकि उन्होंने पहले ही सूचना देकर कही थी कि वह कुछ ही दिनों के लिए मुंबई आ रही हैं। कंगना रनौत को एक हफ्ते से भी कम समय के लिए रहना था इस वजह से उन्हें छोड़ दे दी गई। कंगना को ‘शॉर्ट-टर्म विजिटर कैटिगरी’ के तहत छूट दी गई थी।
ऐसे शुरू हुआ सारा विवाद याद
आपको बता दें कि कंगना रनौत और महाराष्ट्र सरकार के बीच विवाद शुरू हो गया था जब उन्होंने मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी। इसके बाद शिवसेना के नेता संजय राउत ने उन्हें मुंबई वापस लाने की सलाह दी थी और फिर कंगना रनौत ने ट्वीट कर शिवसेना को चैलेंज किया था एक दम है तो रोक ले मैं 9 सितंबर को मुंबई आ रही हूं।
शिवसेना के मुखपत्र में भी कंगना रनौत को मेंटल वूमेन बताया गया था। और विधानसभा में विपक्ष की ओर से अनुरोध किया गया था कि आउटसाइडर्स के लिए आवाज़ उठाएं। इसके बाद संजय राउत ने टीवी चैनल पर कंगना के लिए ‘हरामखोर लड़की’ शब्द का इस्तेमाल भी किया था, जिसकी काफी आलोचना की गई थी। इसके बाद कंगना के मुंबई पहुंचने से पहले ही बीएमसी के अधिकारियों ने उनके दफ्तर पर गैरकानूनी कानूनी कंस्ट्रक्शन बताकर तोड़फोड़ कर डाली। महाराष्ट्र सरकार बीएमसी की इस कार्रवाई की वजह से लगातार आलोचनाओं के बीच घिरी रही है।
चंडीगढ़ उतरते ही क्या बोलीं कंगना रनौत
https://twitter.com/KanganaTeam/status/1305388371858976769