- संवाददाता || भारत खबर
मुंबई। कंगना रनौत के अवैध दफ्तर को बीएमसी ने तोड़ने की कार्रवाई रोक दी है और इस दौरान है बांबे हाईकोर्ट में कंगना ने उच्च न्यायालय में अपील की थी जिसकी सुनवाई चल रही है। मुंबई पहुंचने से पहले चंडीगढ़ में उड़ान भरने के बाद कंगना रनौत ने एक के बाद एक कई सारे ट्वीट किए थे जिनमें यह कहा था कि मुंबई में किस तरीके से उनके दफ्तर को महाराष्ट्र सरकार के गुंडे तोड़ रहे हैं।
आपको बताएं कि मुंबई महानगरपालिका की टीम जब मौके पर अभिनेत्री के अवैध निर्माण को तोड़ रही थी तो उस समय कंगना रनौत के कानूनी टीम मौके पर पहुंची और उन्होंने याद दिलाया कि कोविड-19 प्रोटोकॉल के चलते वे तोड़फोड़ की कार्रवाई नहीं कर सकते। बीएमसी का कहना है कि नोटिस मिलने के बाद भी कंगना के बंगले में निर्माण कार्य हुआ है जिसे वह गिरा रही है।
आपको बता दें कि बीएमसी ने कंगना राणावत के घर पर एक नया नोटिस चस्पा कर दिया है जिसमें कहा गया है कि 24 घंटे बीत जाने के बाद कंगना अपने ऑफिस में हुए बदलाव कि कागजात पेश नहीं कर पाई हैं जिस वजह से उनके इमारत के अवैध हिस्से को बीएमसी द्वारा गाया जा रहा है।
बीएमसी के कर्मचारियों का कहना है कि अवैध निर्माण करने के एवज में एक माह से लेकर दो साल तक की सजा और पांच हजार से 25 हजार तक का जुर्माना हो सकता है। हालांकि बीएमसी का नोटिस जारी होने से पहले अभिनेत्री कंगना राणावत ने आशंका जाहिर कर दी थी कि शायद तोड़फोड़ की कार्रवाई संभव हो और हुआ भी यही कि अभिनेत्री के मुंबई पहुंचने से पहले उनके दफ्तर में तोड़फोड़ की कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
कंगना रनौत मुंबई से बाहर और बीएमसी ने कर दिया तोड़फोड़
कंगना रनौत हिमाचल प्रदेश पर थी और इसी दौरान उनकी शिवसेना से कहासुनी हो गई थी। आपको बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत के मौत के प्रकरण को लेकर के कंगना राणावत बॉलीवुड पर लगातार हमला कर परिवारवाद और कुछ विशेष लोगों का एकाधिकार होने के बाद कह रही हैं। बीएमसी की तरफ से यह कार्रवाई ऐसे समय हो रही है जब कंगना मुंबई से बाहर है। वह बुधवार दोपहर बाद मुंबई पहुंचने वाली हैं।