featured देश मध्यप्रदेश राज्य

मध्यप्रदेश: कर्जमाफी पर पहली बार बोले कमलनाथ कहा-किसानों की कर्जमाफी जरूरी

kamalnath मध्यप्रदेश: कर्जमाफी पर पहली बार बोले कमलनाथ कहा-किसानों की कर्जमाफी जरूरी

नई दिल्ली: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि किसानों की कर्ज माफ करना कांग्रेस पार्टी की पहली प्राथमिकता है। यदि बैंक व्यावसायियों को मोहलत दे सकते हैं तो किसानों को क्यों नहीं। दरअसल यह पूरी बात चीत कमलनाथ ने एक निजी समाचारपत्र को इंटरव्यू में बताई है।

kamalnath मध्यप्रदेश: कर्जमाफी पर पहली बार बोले कमलनाथ कहा-किसानों की कर्जमाफी जरूरी

10 दिनों के अंदर कर्जमाफी का वादा

कमलनाथ से जब कर्जमाफी पर पूछा गया कि कांग्रेस ने सरकार बनाने के 10 दिनों के अंदर कर्जमाफी का वादा किया था। हालांकि पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने कहा था कि कर्जमाफी से राज्यों की आर्थिक व्यवस्था के लिए काफी परेशानी खड़ी हो सकती हैं।

अर्थव्यवस्था पैसों से नहीं बल्कि लोगों से गिनी जाती है

इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘यदि रघुराम राजन गांव को समझते हैं तो उन्हें बोलने दीजिए। मैं इन अर्थशास्त्रियों द्वारा अपने कमरों में बोली जाने वाली बातों से विचलित होने वाला नहीं हूं। आज एक किसान कर्ज में जन्म लेता है और उसकी पूरी जिंदगी कर्ज के बोझ तले दबी रहती है। किसानों का कर्जमाफ करना अत्यावश्यक है। इस बात को अपने दिमाग में रखिए कि मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था पैसों से नहीं बल्कि लोगों से गिनी जाती है।’

वाणिज्य और उद्योग मंत्री रह चुके है कमलनाथ

नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री से पूछा गया कि आप वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय संभाल चुके हैं। इसपर उन्होंने कहा, ‘हां मैं वाणिज्य और उद्योग मंत्री रह चुका हूं और मुझे मालूम है कि अर्थव्यवस्था कैसे चलती है। इस राज्य के 70 प्रतिशत लोगों की जिंदगी खेती पर निर्भर करती है। केवल किसान ही नहीं, ऐसे भी बहुत से लोग हैं जो ग्रामीण क्षेत्रों में सब्जी की दुकान चलाते हैं और दूसरे खेतों में ट्रैक्टर चलाते हैं।’

शिवराज सरकार पर हमला करते हुए कमलनाथ ने कहा कि एक विश्लेषण कीजिए कि क्यों पिछले चार सालों से किसानों को पैदावार के अच्छे दाम नहीं मिल रहे हैं। यहां बहुत सारी परेशानियां हैं। राज्य में कृषि उत्पादन बढ़ा है। सरकार ने पैदावार बढ़ाने के लिए कृषि कर्मण अवॉर्ड शुरू किए थे लेकिन कोई खरीद नहीं की।

यदि सरकार मंडियों की संख्या बढ़ा देती तो किसानों को अपनी पैदावार की खरीद की उम्मीद में कई दिनों तक लाइन में खड़ा नहीं रहना पड़ता। कांग्रेस सरकार ने गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 550 से बढ़ाकर 1,500 रुपये प्रति क्विंटल किया था। एनडीए ने कितना बढ़ाया? कितने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का फायदा मिला?

Related posts

अल्मोड़ा: राज्यमंत्री और प्रिंसिपल के बीच विवाद ने पकड़ा तूल, विधायक ने बताई बचकानी हरकत

pratiyush chaubey

छात्रों की मौत को लेकर तेजस्वी का बड़ा आरोप, सीएम आरोपी को बचा रहे

Vijay Shrer

Delhi Excise Policy: दिल्ली शराब घोटाले में ईडी ने 30 जगहों पर मारा छापा, डिप्टी सीएम सिसोदिया ने दी प्रतिक्रिया

Rahul