नई दिल्ली। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ ने आगामी चुनावी राज्य पंजाब में पार्टी प्रभारी के पद से इस्तीफा दे दिया है। 1984 के सिख विरोधी दंगों में कथित भूमिका संबंधी विवाद को लेकर कमलनाथ ने यह कदम उठाया है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस्तीफा भेजा था जिसे तुरंत मंजूर किया कर उन्हें पार्टी महासचिव पद से मुक्त कर दिया गया है।
कमलनाथ ने सोनिया गांधी को भेजे अपने इस्तीफे में लिखा कि वे इन आरोपों से आहत हुए हैं, इसलिए पद छोड़ रहे हैं। उन्होंने यह कदम ऐसे समय उठाया जब अकाली दल, भाजपा और आप ने इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिख विरोधी दंगों में कमलनाथ की कथित भूमिका को लेकर उन पर तथा कांग्रेस पर हमला साधा। कमलनाथ ने कहा कि दंगा मामले में साल 2005 तक उनके खिलाफ कोई सार्वजनिक बयान या शिकायत या प्राथमिकी तक नहीं थी और पिछली राजग सरकार द्वारा गठित नानावटी आयोग ने उन्हें बाद में दोषमुक्त करार दिया था। उन्होंने सोनिया से कहा कि यह विवाद कुछ नहीं बल्कि चुनावों से पहले लाभ उठाने के लिए सस्ता राजनीतिक प्रयास है, कुछ खास तत्व केवल राजनीतिक लाभ के लिए इन मुद्दों को उठा रहे हैं।
कमलनाथ को पंजाब का प्रभारी बनाए जाने के बाद आम आदमी पार्टी और अन्य दल कांग्रेस पर सवाल खड़े करने लगे थे। 1984 के सिख दंगों में कमलनाथ की भूमिका को लेकर सवाल उठाने लगे थे।