नई दिल्ली। इससे पहले, उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी जितेंद्र सिंह, जो कठुआ के एक हिस्से का संसद में प्रतिनिधित्व करते हैं ने बयान दिया था।
जितेंद्र सिंह ने इस मामले में पिछले महीने CBI जांच की मांग करते हुए कहा था, जिन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है, उन्हें इंसाफ दिया जाना चाहिए। दरअसल आसिफ को दस जनवरी की रात उसके गांव के पास से अगवा कर लिया गया था और उसे कई दिनों तक नशे की हालत में रखा गया। इस दरमियान कई हैवानों ने उस मासूम के साथ गैंगरेप किया, जिनमें कुछ पुलिस अधिकारी और और एक किशोर भी शामिल था। रेप के बाद बच्ची की हत्या कर उसके शव को फेंक दिया गया था।
इस मामले में दाखिल चार्जशीट में कहा गया है कि बच्ची के सिर को पत्थर से कुचने जाने से ठीक पहले पुलिस अधिकारियों में से एक ने हत्यारे से कुछ देर रुकने के लिए कहा ताकि एक बार बच्ची के साथ फिर से रेप किया जा सके। बलात्कारियों में से एक को खासतौर पर उत्तर प्रदेश के मेरठ से बुलाया गया था, ताकि वो अपनी हवस को दूर कर सके। इसके बाद बच्ची का शव 17 जनवरी को जंगलों से बरामद हुआ।
इस मामले के उजागर होने के बाद जब उसकी बिरादरी और स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया तो दो पुलिस वालों ने सबूतों से छेड़छाड़ कर आरोपी की मदद करने की कोशिश की। इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मुख्य अभियुक्त सांजीराम ने इस अपराध की साजिश रची थी, ताकि बखेरवाल बंजारा समुदाय के लोगों में डर पैदा किया जा सके और उन्हें रसाना क्षेत्र से खदेड़ा जा सके।