लखनऊ। आज से 193 साल पहले 11 अप्रैल 1827 को पुणे में जन्मे ज्योतिबा फुले ने सामाजिक कुरीतियों और जाति व्यवस्था के खिलाफ बिगुल फूंक दिया था। उन्होंने एक ऐसे दौर में विधवा विवाह जैसी प्रथा को शुरू करने का बीड़ा उठाया जब विधवाओं को कलंक माना जाता था। उन्होंने बाल विवाह का विरोध किया और महिलाओं की आजादी के लिए शिक्षा को प्राथमिकता माना। आज उसी ज्योतिबा फुले की जयंती पर देश में टीका उत्सव की शुरूआत की जा रही है।
पहले जान लें क्या है टीका उत्सव
कोरोना के खिलाफ लड़ाई पूरा देश एकजुट होकर लड़ रहा है। टीकाकरण की शुरूआत हो चुकी है। लेकिन, इन सबके बीच कई भ्रांतियों की वजह से यह अभियान पूरी गति नहीं पकड़ पा रहा है। इसको देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीका उत्सव की शुरूआत करने का निर्णय लिया है। यह उत्सव ज्योतिबा फुले की जयंती यानि 11 अप्रैल से शुरू होकर संविधान निर्माता की जयंती यानि 14 अप्रैल तक मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस टीका उत्सव को लेकर चार अपील की हैं, जिन पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।
पहली अपील है कि जो लोग कम पढ़े लिखे हैं, बुजुर्ग और खुद जाकर टीका नहीं लगवा सकते, उनकी आप आगे आकर मदद करें। जिससे कि इस महामारी में उन्हें सुरक्षित किया जा सके।
दूसरी अपील ये है कि जिन लोगोंके पास साधन नहीं हैं, जानकारी का अभाव है, उनकी कोरोना के इलाज में मदद के लिए आगे आएं।
तीसरी अपील है कि खुद मास्क पहनें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें। जिससे कि हम एकदूसरे को इस महामारी से बचा सकें।
चौथी अपील है कि अगर किसी को कोरोना हुआ है तो वहां माइक्रो कंटेनमेंट जोन लोग खुद बनाएं। इसका नेतृत्व समाज के लोग करें।
167 साल पहले महिलाओं के लिए पहला स्कूल खोलकर खींच दी थी लकीर
महिलाओं की शिक्षा की स्थिति आज कैसी है, ये किसी से छिपी नहीं हैं। खासकर ग्रामीण इलाकों में आज भी बेटियों को अपनी पढ़ाई को लेकर लंबा संघर्ष करना पड़ रहा है। लेकिन ज्योतिबा फुले ने आज से 167 साल पहले यानि 1857 में ही महिलाओं के लिए देश का पहला स्कूल खोलकर एक लकीर खींच दी थी।
ये उस समय बहुत ही बड़ी बात थी, हालांकि इसका उन्हें खामियाजा भी भुगतना पड़ा। महिलाओं की शिक्षा के विरोधियों ने तमाम बाधाएं डालीं। ज्योतिबा फुले को स्कूल चलाने के लिए जब कोई शिक्षिका नहीं मिली तो उन्होंने अपनी पत्नी सावित्री बाई फुले को इस काम में लगा दिया। इसके बाद भी लोगों ने उनके माता पिता को डरा धमकाकर ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई फुले को घर से बाहर करवा दिया।
पूरा देश कर रहा नमन
आज ज्योतिबा फुले की जयंती पर पूरा देश उन्हें नमन कर रहा है। पीएम मोदी समेत कई लोगों ने उनके प्रति कृतज्ञता जाहिर की है।
PM Modi’s Tweet
महान समाजसेवी, विचारक, दार्शनिक एवं लेखक महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। वे जीवनपर्यंत महिलाओं की शिक्षा और उनके सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध रहे। समाज सुधार के प्रति उनकी निष्ठा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
— Narendra Modi (@narendramodi) April 11, 2021
Vice President’s Tweet
My tributes to the great social reformer & visionary thinker Jyotirao Phule on his birth anniversary today. He was a pioneer of women's education & a crusader against social evils like the caste system & untouchability. #jyotibaphule pic.twitter.com/6WQTuHrtrn
— Vice President of India (@VPSecretariat) April 11, 2021
Urmila Matondkar’s Tweet
Tribue to Mahatma #jyotibaphule One of the greatest educationists n social reformer of #Maharashtra Worked tirelessly for girl education n against caste system all his life.Opened first Girls School in the most difficult times. Forever indebted to you 🙏#ज्योतिबा_फुले_जयंती pic.twitter.com/oZGc9T5a9p
— Urmila Matondkar (@UrmilaMatondkar) April 11, 2021