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तमाम बड़े फैसलों के लिए याद रहेगा जस्टिस ठाकुर का कार्यकाल

thakar तमाम बड़े फैसलों के लिए याद रहेगा जस्टिस ठाकुर का कार्यकाल

नई दिल्ली। चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर कल यानि 3 जनवरी को रिटायर हो रहे हैं। उनकी जगह जस्टिस जेएस खेहर लेंगे। सुप्रीम कोर्ट से पहले वह दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस थे। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश रहते हुए जस्टिस ठाकुर ने तमाम ऐतिहासिक फैसले सुनाए।जस्टिस ठाकुर ने अपने कार्यकाल के दौरान जिन महत्वपूर्ण फैसले किए उनमें बीसीसीआई, जजों की नियुक्ति, दिल्ली में प्रदूषण समेत दूसरे मामले भी रहे हैं।

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रिटायर होने के एक दिन पहले उनकी अध्यक्षता वाली बेंच ने बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को पद से हटा दिया। बीसीसीआई में सुधारों के लिए जस्टिस लोढ़ा कमेटी को उनकी अध्यक्षता वाली बेंच ने गठित किया और कमेटी की अनुशंसाओं को लागू करने की मंजूरी दी। जस्टिस ठाकुर की अध्यक्षता वाली बेंच सात सदस्यीय बेंच ने बहुमत से फैसला दिया कि चुनाव में धर्म, जाति और भाषा को लेकर कोई अपील नहीं की जा सकती।

उनके नेतृत्व वाली बेंच ने ही दिल्ली में पॉल्यूशन कोड को मंजूरी दी । बेंच ने केंद्र सरकार से कहा कि वह पॉल्यूशन ग्रेडिंग सिस्टम को लागू करे ताकि दिल्ली और एनसीआर में पॉल्यूशन लेवल को ठीक किया जा सके। जजों की नियुक्ति के मामले में चीफ जस्टिस ठाकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने सरकार के खिलाफ कई बार सुनवाइयों के दौरान कड़ी टिप्पणियां भी कीं। जस्टिस ठाकुर ने कहा कि इसे सरकार अहं का मुद्दा न बनाए। उन्होंने सरकार पर न्यायपालिका को ठप करने का आरोप भी लगाया था। उनकी अध्यक्षता वाली बेंच ने राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर शराब की दुकानों पर प्रतिबंध लगाया था।

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4 जनवरी 1952 को जन्मे जस्टिस ठाकुर ने एलएलबी के बाद 1972 में वकालत शुरू की। उनके पिता और प्रसिद्ध वकील डीडी ठाकुर जम्मू कश्मीर में वरिष्ठ वकील थे। उन्हीं के चैंबर से जस्टिस टीएस ठाकुर ने अपनी वकालत शुरू की। जस्टिस ठाकुर ने सिविल, क्रिमिनल, संविधान, टैक्स और सर्विस मैटर में जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट में प्रैक्टिस की। 1990 में उन्हें सीनियर एडवोकेट का दर्जा मिला।फिर वह जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में एडिशनल जज के रूप में नियुक्त हुए।

1994 में उन्हें कर्नाटक हाईकोर्ट का जज बनाया गया । बाद में उन्हें 1995 के सितंबर में परमानेंट जज के रूप में नियुक्त किया गया। जुलाई 2004 में उनका तबादला दिल्ली हाईकोर्ट में जज के रूप में किया गया । जस्टिस ठाकुर को 9 अप्रैल 2008 को दिल्ली हाईकोर्ट में एक्टिंग चीफ जस्टिस बनाया गया। फिर 11 अगस्त 2008 को उन्हें पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया। इसके एक साल बाद 17 नवम्बर 2009 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर शपथ दिलाई गई और फिर 3 दिसम्बर 2015 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया।

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