नई दिल्ली। जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में हरियाणा की गीता ने बाजी मार ली है। गीता ने सभी चारों सीटों पर लेफ्ट का कब्जा किया है। गीता हरियाणा की रहने वाली हैं। गीता की जीत पर उनके घर वाले ही नहीं बल्कि पूरा परिवार खुशियां मना रहा है। गीता का कहना है कि मैं अपनी जीत का श्रय कॉलेज के उन छात्रों को देना चाहती हूं। जो ये मानते हैं कि जेएनयू जैसी लोकतांत्रिक जगह को बचाने की जरूरत है। मैने चुनाव प्रचार के दौरान सीटों में कटौती, नजीब की गुमशुदगी, नए हॉस्टल और प्रवेश प्रक्रिया से जुड़े मुद्दों को उठाया था।
बता दें कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के छात्र संगठन (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) के प्रत्याशियों ने भी अध्यक्ष पद समेत सेंट्रल पैनल के सारे सीटों पर युनाइटेड लेफ्ट को कड़ी टक्कर दी। विद्यार्थी परिषद् की ओर से अध्यक्ष पद की दावेदार निधि त्रिपाठी दूसरी पोजिशन पर रहीं। वहीं इस चुनाव में परिसर के अंदर बहुजन राजनीति की लकीर खींचने वाला छात्र संगठन BAPSA भी बहुत पीछे नहीं रहा। इस संगठन के प्रत्याशियों ने भी युनाइटेड लेफ्ट को कड़ी टक्कर दी। BAPSA को कैंपस के ही युनाइटेड ओबीसी फोरम जैसे संगठनों ने समर्थन दिया था।
इतना ही नहीं AISF की अध्यक्ष पद की उम्मीदवार अपराजिता राजा काफी पीछे रह गईं। हालांकि उन्होंने अपनी तरफ से जीतने की पूरी कोशिश की लेकिन गीता के सामने टीक नहीं पाई। वहीं कांग्रेस की छात्र संगठन (एनएसयूआई) के प्रत्याशी सबसे पीछे रहे। इस पूरे चुनाव में परिसर में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर दावेदारी करने वाले फारूख आलम को भी अच्छे वोट मिले।