नई दिल्ली। जेएनयू के एमफिल छात्र मुथुकृष्णन की आत्महत्या के मामले में पुलिस ने बुधवार को अज्ञात लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने और एससी एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद मीडिया को बताया कि गुरुवार को मेडिकल बोर्ड की मौजूदगी में पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। उधर, पिता ने मुथुकृष्णन की हत्या किए जाने का आरोप लगाते हुए पुलिस से जांच की मांग की है।
गौरतलब है कि सोमवार शाम छात्र का शव बंद कमरे में पंखे से लटका हुआ मिला था। वहीं, मुथुकृष्णन के साथ जेएनयू में पढ़ने वाले एक छात्र का दावा है कि अपने साथ होने वाले जातीय भेदभाव से वह परेशान था। हालांकि, पुलिस ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया। पुलिस ने जांच पूरी होने तक किसी भी निष्कर्ष पर न पहुंचने की बात कह रही है। एफआईआर दर्ज कराते समय मुथुकृष्णन के पिता ने घटना को आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या के तौर पर देखने की मांग की है।
उन्होंने एफआईआर में बताया कि मुझे मुथुकृष्णन की जो तस्वीरें दिखाई गई हैं, उनमें उसका शव पंखे में बंधे कपड़े के फंदे से लटका हुआ दिख रहा है। साथ ही उसके पैर फर्श को छू रहे हैं। उनका सवाल है कि पैर फर्श से छूने की स्थिति में कोई फंदे से लटककर आत्महत्या कैसे कर सकता है? वहीं, बेटे की जीभ भी बाहर नहीं है और न ही उसकी आंख बंद हैं, जो आमतौर पर आत्महत्या के बाद होता है। पिता ने एफआईआर में कहा कि फोटो को देखने के बाद मुझे शक है कि मेरे बेटे की हत्या की गई है।
इस वजह से पुलिस मामले की जांच आत्महत्या की तरह नहीं, बल्कि हत्या की तरह करे। उधर, पुलिस उपायुक्त ईश्वर सिंह ने बताया कि मामले की सभी कोणों से जांच की जा रही है। जांच पूरी होने तक कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। जांच पूरी होने पर ही मौत के कारणों का पता चलेगा। पुलिस अधिकारियों ने यह भी बताया कि इस मामले में छात्रावास में रहने वाले उसके साथियों से भी पूछताछ होगी।
साथ ही पुलिस यह भी पता लगाएगी कि किसने ऐसे हालात बनाए, जिनसे मजबूर होकर उसने आत्महत्या कर ली।