नई दिल्ली। आंदोलनकारी छात्रों ने करीब 20 घंटे से ज्यादा समय तक बंधक बनाए रखने के बाद गुरुवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुलपति एम जगदेश कुमार को उनके कार्यालय से जाने दिया। वहीं छात्रों के आंदोलन के बाद हरकत में आई दिल्ली पुलिस ने लापता छात्र का पता लगाने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के निर्देश पर जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद के मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। वहीं ऐसी खबर आ रही है कि छात्र आज गृहमंत्रालय के बाहर भी प्रदर्शन करेंगे।
नजीब की मां फातिमा ने बेटे को ढूंढने की अपील:-
अहमद की मां फातिमा ने अपने बेटे का पता लगाने के लिए अधिकारियों से मदद की अपील की। फातिमा ने कहा, एक बार मुझे अपने बेटे का चेहरा देखना है। इसके बाद आप उसे एक महीने तक रखना। मैं एक शब्द नहीं कहूंगी। लेकिन बस मुझे एक बार अपने बेटे का चेहरा देखने दो। मैं बेहद छोटी जगह से हूं। मैं अपने बच्चे को सुरक्षित देखना चाहती हूं। मुझे नहीं पता कि उसने कुछ खाया भी है या भूखा है। बीते 14 अक्टूबर की रात बेहद घबराई अवस्था में अहमद का फोन आने के बाद उत्तर प्रदेश के बदायूं से दिल्ली पहुंची फातिमा ने कहा, मेरी सबसे अपील है कि मेरे बच्चे को ढूंढने में मेरी मदद कीजिए।
सूचना बताने वाले को 50,000 रुपए इनाम:-
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) नूपुर प्रसाद ने कहा कि एसआईटी की अध्यक्षता अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त मुनीषी चंद्रा करेंगे।दिल्ली पुलिस ने बुधवार को अहमद की सूचना देने पर 50,000 रुपये का इनाम देने की घोषणा की।एक व्यक्ति का अपहरण करने तथा गलत तरीके से बंधक बनाकर रखने के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा 365 के तहत पुलिस में एक मामला दर्ज कराया गया है। जेएनयू ने भी मामले की जांच शुरू की है।
छात्रों कर रहे हैं लगातार प्रदर्शन:-
गौरलतब है कि छात्रों ने बुधवार को लापता छात्र नजीब अहमद के मामले को लेकर प्रशासनिक ब्लॉक के बाहर प्रदर्शन करना शुरू किया था। अहमद बीते छह दिन से लापता है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों ने कुलपति सहित शीर्ष अधिकारियों को उनके कार्यालय में रोके रखा था। वामपंथी छात्र संगठन और कांग्रेस की छात्र इकाई सहित प्रदर्शनकारी छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर अहमद का पता लगाने में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।