नई दिल्ली। ठीक एक साल पहले जेएनयू में देशविरोधी नारे लगाए गए थे और इस मामले को लेकर उमर आलिद और अनिर्बान के नाम सामने आए थे। लेकिन इतना लंबा समय बीतने के बाद भी अभी तक पुलिस चार्जशीट तक दाखिल नहीं कर पाई है तो वहीं एक बार फिर से जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय कश्मीर को आजाद कराने के पोस्टर लगे दिखाई दिए और वो एक बार फिर से विवादों में घिर गया है।
ये पोस्टर सोशल साइंस के नए ब्लॉक की दीवार पर लगे दिखाई दिए जिसे कुछ छात्रों ने लगे देखा और इसकी खबर प्रशासन को दी जिसके बाद आनन-फानन में इन चस्पा हुए पोस्टरों को वहां से हटा दिया गया। खबरों की मानें तो ये पोस्टर वामपंथी संगठन डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन की ओर से लगाए गए थे। जिन पर लिखा था कश्मीर के लिए आजादी, फिलिस्तीन को आजाद करो, खुद फैसले लेने की आजादी जिंदाबाद।
जब इस पूरे मामले को लेकर मीडिया ने जेएनयू के सीनियिर ऑफीशियल से बात की तो उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय का ज्यादातर समय इस तरह के मामलों को निपटने में जाता है। ये दुख की बात है कि लोगों का एक छोटा सा ग्रुप कॉलेज के माहौल को खराब कर रहा है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि वो नहीं जानते कि ये पोस्टर्स किसने लगवाएं।
बता दें कि बीते साल 9 नवंबर को जेएनयू कैंपस के अंदर देशविरोधी नारे लगाए गए थे जिसमें मुख्य रुप से उमर खालिद, अनिर्बान और कन्हैया कुमार का नाम आया था। हालांकि कुछ दिनों तक जेल भेजने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया था।