नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने जेएनयू प्रशासन को अनुशासनहीनता में दोषी करार दिए गए छात्र उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य पर एक हफ्ते तक कार्रवाई न करने का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट ने एक हफ्ते के लिए जेएनयू अपीलीय प्राधिकरण के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें दोनों छात्रों को अनुशासहीनता का दोषी पाया गया है।
बता दें कि प्राधिकरण ने इसी साल 9 फरवरी को जेएनयू परिसर में हुए विवादित कार्यक्रम के दौरान अनुशासनहीनता के चलते उमर को दिसंबर तक के लिए निष्कासित किया है वहीं, अनिर्बान को 5 साल के लिए जेएनयू से बाहर कर दिया गया है।
इस पूरे मामले को लेकर हाई कोर्ट मे उमर और अनिबार्न के वकील ने कहा कि प्राधिकरण के 22 अगस्त के फैसले पर रोक लगाई जाए क्योंकि प्राधिकरण ने मामले में सभी पहलुओं पर विचार नहीं किया। साथ ही उनके पक्ष को सही से सुना नहीं गया है। दूसरी तरफ जेएनयू प्रशासन की तरफ से मौजूद वकील ने याचिकाकर्ताओं के सभी तर्कों को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि प्राधिकरण ने याचिकाकर्ताओं के सभी पक्षों पर विचार करने के बाद ही अपना फैसला सुनाया है।
गौरतलब है कि जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य समेत 19 लोगों को जेएनयू की अपीलीय प्राधिकरण ने अनुशासनहीनता में दोषी करार दिया था। 6 सितंबर से सजा लागू होनी है। कन्हैया समेत सात अन्य छात्रों ने भी मामले में प्राधिकरण के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। जिस पर 6 सितंबर को सुनवाई होनी है।