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आतंक की राह छोड़ देश के लिए दे दी जान, अब इस सम्मान से किया जाएगा सम्मानित

sainaik आतंक की राह छोड़ देश के लिए दे दी जान, अब इस सम्मान से किया जाएगा सम्मानित

नई दिल्ली। कश्मीर के शोपियां में पिछले साल नवंबर में आतंकवाद रोधी अभियान के दौरान अपनी जान कुर्बान करने वाले लांस नायक नजीर अहमद वानी को अशोक चक्र प्रदान किया जाएगा। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। अशोक चक्र शांति काल के दौरान प्रदान किया जाने वाला भारत का सर्वोच्च वीरता सम्मान है। अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि 38 वर्षीय वानी कुलगाम के अश्मुजी के रहने वाले थे। वह 25 नवंबर को भीषण मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए थे।

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बता दें कि शुरू में आतंकी रहे वानी बाद में हिंसा का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में लौट आए थे। वह 2004 में सेना में शामिल हुए थे। अधिकारियों ने बताया कि वानी दक्षिण कश्मीर में कई आतंकवाद रोधी अभियानों में शामिल रहे। अशोक चक्र भारत का शांति के समय दिया जाने वाला सर्वोच्च वीरता पुरस्कार है। वानी को आतंकवादियों से लड़ने में अदम्य साहस का परिचय देने के लिए सेना पदक भी दिया गया।

वहीं जिस एनकाउंटर में वानी शहीद हुए थे। उसमें सुरक्षाबलों ने छह आतंकियों को मार गिराया था। आतंक छोड़कर आत्मसमर्पण करके भारतीय सेना को ज्वाइन करने वाले वानी को साल 2007 में वीरता के लिए सेना का मेडल भी दिया जा चुका है। वानी कुलगाम तहसील के चेकी अश्‍मूजी गांव के रहने वाले थे। लांस नायक नजीर अहमद वानी के परिवार में उनकी पत्‍नी और दो बच्‍चे हैं। उन्‍होंने करियर की शुरुआत वर्ष 2004 में टेरिटोरियल आर्मी से की थी। उन्‍हें सुपुर्द-ए-खाक के वक्त 21 तोपों की सलामी दी गई थी। बता दें कि दक्षिण कश्‍मीर में स्थित कुलगाम जिला आतंकवादियों का गढ़ माना जाता है।

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