देश

झारखंड विधानसभा में सदन की मर्यादा तार-तार, अध्यक्ष पर फेंका जूता

Jharkhand assembly झारखंड विधानसभा में सदन की मर्यादा तार-तार, अध्यक्ष पर फेंका जूता

रांची| झारखंड विधानसभा में बुधवार को लोकतंत्र की सारी मर्यादाएं तार-तार कर दी गईं। विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव की ओर न सिर्फ जूता उछाला गया, बल्कि उनका माइक तोड़ दिया गया और कुर्सी तथा टेबल इधर-उधर फेंक दिए गए। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा विपक्ष के बीच दो भूमि विधेयकों को लेकर पिछले कई महीनों से चल रहा गतिरोध उस वक्त समाप्त हो गया, जब सदन में एक संशोधन विधेयक को पेश किया गया और बिना चर्चा किए कुछ ही मिनटों में उसे पारित कर दिया गया।

jharkhand-assembly

भोजनावकाश के बाद अपराह्न दो बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई, भूमि एवं राजस्व मंत्री अमर बवारी ने विपक्षी पार्टियों के विरोध के बीच संशोधन विधेयक पेश किया।विपक्षी सदस्य अध्यक्ष की आसंदी के निकट आ गए और राज्य के दो भूमि कानूनों, छोटानागपुर काश्तकारी (सीएनटी) अधिनियम तथा संथाल परगना काश्तकारी (एसपीटी) अधिनियम के खिलाफ नारे लगाने लगे।

इस बीच, विपक्ष के कुछ सदस्य रिपोर्टर्स की मेज पर चढ़ गए और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायक पोलुश सुरिन ने अध्यक्ष की ओर जूता उछाल दिया। सदन के मार्शलों ने जूते को रोक लिया। विपक्षी सदस्यों ने विधेयक की प्रति को फाड़ दिया और उसे अध्यक्ष के ऊपर फेंक दिया। संशोधनों को ध्वनिमत से पारित किया गया। अब प्रदेश में कृषि भूमि का इस्तेमाल गैर कृषि उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।

बुधवार सुबह 11 बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सदस्य अध्यक्ष की आसंदी की निकट आ गए और संशोधन विधेयक का विरोध करने लगे। विपक्षी सदस्य कुर्सियां व रिपोर्टर की मेज फेंकने लगे, जिसके बाद सदन की कार्यवाही अपराह्न 12.45 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। जब कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो सदन के दृश्य में कोई बदलाव नहीं आया, जिसके बाद कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।अपने कदम को न्यायोचित ठहराते हुए झामुमो विधायक पोलुश सुरिन ने कहा, “हम जनता के प्रतिनिधि हैं और हमारी बात नहीं सुनी जा रही। जब जनता की आवाज दबाई जा रही है, तो हम और क्या कर सकते हैं?

सत्तारूढ़ भाजपा के गठबंधन सहयोगी ऑल झारखंड स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आजसू) ने भी विधेयक का विरोध किया। आजसू विधायक विकास मुंडा ने संवाददाताओं से कहा, “हम अदालत का रुख करेंगे। हमारे विकल्प खुले हैं। सरकार में रहना कोई मुद्दा नहीं है।झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने सदन में हुई घटना की निंदा की है।

 

Related posts

यूएन के निशाने पर एक बार फिर मोदी सरकार, रोहिंग्या मुस्लिम, गाय और गौरी लंकेश पर घिरी सरकार

Rani Naqvi

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का नाम कांग्रेस की इफ्तार पार्टी के मेहमानों की लिस्ट में नहीं

Rani Naqvi

इंडिया गेट पर मोदी सरकार के मेगा शो का आयोजन

bharatkhabar