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जेष्ठ पूर्णिमा के लिए कैसे करें तैयारी, क्या है शुभ मुहूर्त

जेष्ठ पूर्णिमा के लिए कैसे करें तैयारी, क्या है शुभ मुहूर्त

लखनऊ: पूर्णमासी का चांद अपने सबसे सुंदर रूप में होता है। इस बार जेष्ठ पूर्णिमा के दिन कुछ खास होने वाला है। 24 जून गुरुवार को चंद्रमा सबसे ज्यादा चमकीला नजर आएगा, इस दिन सुपरमून दिखाई देगा।

सुबह 3:00 बजे से जेष्ठ पूर्णिमा शुरु

शास्त्रों के अनुसार 24 जून को सुबह 3:32 से जेष्ठ पूर्णिमा शुरू हो जाएगी। जो लोग व्रत रखते हैं, उनके लिए यही सबसे उपयुक्त समय होगा। रात 12:09 तक शुभ घड़ी रहेगी, अगर पूरे पंचांग पर नजर डालें तो विक्रम संवत में ग्रीष्म ऋतु शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा का यह संयोग बन रहा है। इस दौरान भद्रा दोपहर 1:50 तक होगा, दिशाशूल दक्षिण दिशा में होगा।

इस पूर्णिमा का विशेष महत्व

जेष्ठ पूर्णिमा का एक अलग महत्व है। शास्त्र भी कहता है कि चांद का पृथ्वी के पानी से एक अनोखा नाता है। समुद्र में ज्वार भाटा भी इसीलिए आता है, पूर्णिमा के दिन चंद्रमा सबसे चमकीला दिखाई देता है और इसका सबसे ज्यादा प्रभाव इसी दिन रहता है।

इस प्रभाव का असर पृथ्वी की कई गतिविधियों पर भी पड़ता है और मनुष्यों की जीवन शैली पर भी अपना असर डालता है। इसलिए पूजन अर्चन के अलावा इस दिन मांस मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। इस बार पूर्णमासी के दिन चंद्रमा थोड़ा गुलाबी दिखाई देगा, इसे बसंत ऋतु की आखिरी पूर्णिमा भी माना जाएगा।

शुरू होगा नया महीना

हिंदू धर्म के कैलेंडर के अनुसार जेष्ठ मास की पूर्णिमा के बाद असाढ़ महीना शुरू हो जाएगा। इस पूर्णिमा के दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान करना काफी अच्छा माना जाता है। व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा भी की जाती है और दान पुण्य का भी काम करके ईश्वर को प्रसन्न किया जाता है। इस बार यह पूर्णिमा गुरुवार के दिन ही पड़ रही है, गुरुवार वैसे भी भगवान विष्णु का दिन होता है। ऐसे में इस दिन पूजा करने का एक अलग ही महत्व है।

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