पटना। बिहार में सत्तारुढ़ महागठबंधन में खटपट थमने का नाम नहीं ले रही। जदयू और राजद के बीच मेलजोल बढ़ाने की कांग्रेस की पहल भी बेअसर दिख रही। गुरुवार को लालू की ओर से पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलने पर जदयू ने भी पलटवार किया है। शिवानंद ने आरोप लगाया है कि नीतीश का भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस एक ढोंग है।
लालू से गठबंधन ही इसका प्रमाण है। दरअसल इस ढोंग के बहाने पुन: भाजपा के साथ जाने का वे रास्ता तलाश रहे हैं,क्योंकि वहां वह अपने को सहज महसूस करते हैं । उन्होंने 15 जुलाई को नीतीश को पत्र लिखकर महागठबंधन तोड़ने की भाजपा की साजिश से आगाह करने के साथ भविष्य के लिए भाजपा विरोधी राजनीतिक चेहरा बनने की सलाह दी थी। जदयू प्रवक्ता संजय सिंह और नीरज कुमार ने शिवानंद तिवारी पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि शिवांनद किसी के लिए भरोसमंद नहीं है। वह जिस थाली में खाते हैं उसी में छेद करते है। लालू प्रसाद को शिवानंद ने कभी नटवरलाल कहा था। वही महागठबंधन को तोड़वाने पर आमदा हैं ।
मालूम हो कि सीबीआई की दिल्ली शाखा द्वारा 5 जुलाई को रेलवे के भ्र्ष्टाचार के एक मामले में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के साथ उनकी पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। इसी मामले में लालू के 12 ठिकानों पर छापामारी के बाद जदयू की ओर से तेजस्वी से तथ्यों के आधार पर प्रमाणिक सफाई को लेकर जदयू और राजद नेताओं के बीच 10 दिनों से जुबानी जंग जारी है। तेजस्वी से स्वत: इस्तीफा के लिए जदयू के परोक्ष दबाव पर लालू ने इस्तीफा और सफाई देने से साफ मना कर दिया। एक सप्ताह के बाद मंगलवार को कैबिनेट की बैठक के बाद नीतीश-तेजस्वी की भेंट पर कयास लगा कि अब नीतीश के तेवर ठंडे पड़ गये हैं। पर दूसरे ही दिन जदयू के प्रवक्ताओं की ओर से कहा गया कि तेजस्वी को सफाई तो देनी ही होगी।
तेजस्वी ने कहा है कि यदि उनकी पार्टी कहेगी तो उसी क्षण इस्तीफा कर देंगे। वे लगातार महागठबंधन के अटूट रहने का भी दावा कर रहे हैं। राजद महागठबंधन पर संकट को लेकर भाजपा पर हमला बोल रहा है। वे लालू परिवार के खिलाफ सीबीआई,आयकर और ईडी की कार्रवाई को भाजपा की साजिश बता रहे हैं। राजद की पटना में 27 अगस्त को भाजपा भगाओ देश बचाओ रैली को लेकर तैयारी तेज हो गई है।