कर्नाटक में ंमचेघमासान के बाद अब बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने शुक्रवार को राज्यपाल से मिलकर कर्नाटक की तर्ज पर बिहार में सबसे बड़े दल के रूप में सरकार बनाने का दावा पेश किया है। बता दें कि कर्नाटक में राज्यपाल ने बीजेपी को सबसे बड़ी पार्टी होने के रूप में सरकार और शपथ ग्रहण कराने का न्योता दिया है। जिसके दएस के राज्यों में राजनीतिक पार्टियों में हलचल मच गई है। इतना ही नहीं राजद नेता तेजस्वी यादव ने बीजेपी को संविधान के तहत सरकार चलाने तक की नसीहत दे ड़ाली है। जिस पर जदयू ने पलटवार करते हुए कहा है कि तेजस्वी ‘बबुआगिरी’ छोड़ राज्यपाल की शक्तियों को जानने की कोशिश करें।
तेजस्वी ने शुक्रवार को बीजेपी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया था कि देश संविधान के आधार पर दिल्ली से चलना चाहिए, न कि संघ के नागपुर मुख्यालय से। चलो लोकतंत्र बचाने के लिए सड़कों पर उतरें।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि गोवा, मणिपुर, मेघालय, बिहार और अब कर्नाटक में हुए सत्तालोलुप नाटक को पचा जाना न राष्ट्र के लिए उचित है और ना लोकतंत्र व नागरिकों के लिए। बार-बार किए जा रहे अन्याय के विरुद्घ न्याय बहाल होने तक राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया जाना चाहिए।
इस पर पलटवार करते हुए जदयू ने तेजस्वी के नाम एक खुला पत्र लिखा है। जद (यू) के प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार के नाम से जारी हुए इस पत्र में तेजस्वी पर लोकतंत्र और सरकार बनाने के नियमों का ज्ञान नहीं होने का आरोप लगाया गया है। पत्र में कहा गया है कि सरकार बनाने का दावा पेश करने के पूर्व विधानसभा में वर्तमान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर संख्याबल के द्वारा वर्तमान सरकार गिरानी पड़ती है और इसके बाद नई सरकार बनाने का मार्गप्रशस्त होता है।
पत्र में कहा गया है कि तेजस्वी जी, लोकतंत्र में ‘बबुआगिरी’ काम नहीं आता। लोकतंत्र, संविधान और मर्यादाओं से चलती है। वैसे इसमें आपका दोष भी नहीं। आपको अनुभव और मेहनत के बिना न केवल पद बल्कि संपत्ति भी हासिल हो गई है। राजनीतिक व पारिवारिक अनुकंपा पर अगर सबकुछ हासिल हो जाए, तो ऐसे में ज्ञान की कमी होना लाजिमी है।