नई दिल्ली। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की मौत पर रोजाना नया खुलासा हो रहा है। एम्स के डॉक्टरों की ताजा रिपोर्ट में पता चला है कि जिस दिन जयललिता को दिल का दौरा पड़ा था उससे एक दिन पहले वो पूरी तरह होश में थी। दिल का दौरा पड़ने के बाद उनकी हालत नाजुक हो गई और उनका शरीर ये दौरा झेल नहीं पाया जिसके कारण उनकी मौत हो गई।
राज्य सरकार ने 19 पेज की रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए कहा है कि जयललिता को ऐजमैटिक ब्रॉनकाइटिस हुआ था और उन्हें सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधाएं दी गईं। निधन से पहले जब जयललिता अस्पताल में भर्ती थीं, तब एम्स के विशेषज्ञों ने 5 बार चेन्नई का दौरा कर जयललिता के स्वास्थ्य की पड़ताल की थी। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम और उनके समर्थकों ने जयललिता की मौत के पीछे साजिश की आशंका जाहिर की है। निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर उनकी ओर से 8 मार्च को हड़ताल की घोषणा की गई है।
एम्स उपनिदेशक (प्रशासन) वी श्रीनिवास ने कहा कि कल राज्य सरकार ने आधिकारिक रिकॉर्ड के लिए डॉक्टरों की रिपोर्ट की मांग की थी। अन्नाद्रमुक की पूर्व प्रमुख की पांच दिसंबर को हुई मौत को लेकर सियासी हलकों में शंका जाहिर किए जाने के बीच यह रिपोर्ट महत्वपूर्ण है। श्रीनिवास ने तमिलनाडु के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉक्टर जे राधाकृष्णन को दस्तावेज सौंपा।
जयललिता का बीते 6 दिसंबर को निधन हो गया था। उन्हें बुखार और डिहाइड्रेशन के कारण 22 सितंबर को अस्पताल में दाखिल कराया गया था। एम्स ने तमिलनाडु सरकार के आग्रह पर विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह के लिए पल्मोनोलोजी विभाग के प्रोफेसर जी.सी. खिलनानी के नेतृत्व में 05 अक्टूबर, 2016 से 06 दिसंबर के बीच 5 बार वरिष्ठ विशेषज्ञों की एक टीम भेजी थी। तमिलनाडु सरकार ने 05 मार्च को आधिकारिक रिकॉर्ड के लिए एम्स से उसके विशेषज्ञों के दौरों की रिपोर्ट सौंपने का आग्रह किया था।